फतेहपुर (उत्तर प्रदेश):- एनएच 232 फतेहपुर स्थित जिंदपुर टोल प्लाजा पर अवैध वसूली लगातार चल रही है। मीडिया और अधिकारियों को खुले आम चुनौती दे रहा है। जिंदपुर टोल प्लाजा आरटीआई में हुए खुलासे के बाद भी नहीं कर पा रहे है। पीआईयू रायबरेली के अधिकारी परियोजना निदेशक आरएस यादव के के जाने के बाद नए निदेशक नवरत्न कुमार के कार्यभार संभालने के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। जिंदपुर टोल प्लाजा पर अवैध वसूली की यह समस्या गंभीर है, खासकर जब आरटीआई के माध्यम से इसके बारे में खुलासा हो चुका है। इसके बावजूद भी अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। यह स्थिति प्रशासनिक निष्क्रियता और भ्रष्टाचार को दर्शाती है।
पीआईयू रायबरेली के पुराने परियोजना निदेशक आरएस यादव के बाद नए निदेशक नवरत्न कुमार के कार्यभार संभालने के बावजूद भी कोई कार्रवाई न होना चिंताजनक है। मीडिया और अन्य संस्थानों को खुलेआम चुनौती दी जा रही है, जिससे पता चलता है कि स्थानीय अधिकारी और प्रशासन इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाने में असमर्थ हैं या अनिच्छुक हैं।
इस मामले में सख्त जांच और कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि अवैध वसूली रोकी जा सके और जनता को न्याय मिल सके।आरटीआई कार्यकर्ता सिद्धार्थ के अनुसार साइट इंजीनियर आलेख श्रीवास्तव का इस करोड़ों के भ्रष्टाचार में सबसे बड़ा हाथ है बड़े अधिकारियों तक सेटिंग करने का जिम्मा उसी के पास रहता है।
अब देखना यह है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इस करोड़ों रुपए हुए घोटाले की क्या जांच या कार्यवाही पीआईयू रायबरेली करेगा या सारा मामला लिफाफे में बंद हो जायेगा।