भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी) (MPC) की बैठक आज से शुरू हो गई है और बुधवार (8 दिसंबर) को केंद्रीय बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा के नतीजे जारी करेगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में चलने वाली एमपीसी की बैठक में नीतिगत दरों में बदलाव करने समेत कई आर्थिक फैसलों की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में संभावना है कि दुनिया भर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की आशंकाओं को ध्यान में रखकर ही कोई फैसला लिया जाएगा। दरों में बदलाव की संभावना कमविशेषज्ञों की मानें तो 8 दिसंबर को तीन दिवसीय बैठक के नतीजे आएंगे और इस बार नीतिगत दरों में किसी भी प्रकार के बदलाव की संभावना कम है। यानी उम्मीद है कि रिजर्व बैंक नीतिगत दरों को यथावत रख सकता है। गौरतलब है कि दुनिया भर के देशों में नए ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज मिल रहे हैं और भारत भी इससे अछूता नहीं है। हालांकि कुछ रिपोर्टों में आर्थिक सलाहकारों के हवाले से कहा गया है कि आरबीआई दरों में कुछ बदलाव कर सकता है। आठ एमपीसी बैठकों में यथावत रहीं दरेंभारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में बदलाव आखिरी बार 22 मई 2020 को किया था। इसके बाद कोरोना काल में आठ बार मौद्रित नीति समीक्षा हो चुकी है और इन बैठकों के बाद अब तक कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। इस समय रेपो रेट की दर 4 फीसदी पर है और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बनी हुई है। आज से शुरू हो रही एमपीसी की यह बैठक इस साल की आखिरी है और ओमिक्रॉन समेत कई कारकों पर इसमें गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, रेपो दरों में बदलाव के अलावा इस बैठक में अर्थव्यवस्था में तरलता बनाए रखने की जरूरत पर ध्यान केंद्रित होगा, जबकि मुद्रास्फीति दरों में आ रहे उतार-चढ़ाव को भी केंद्र में रखकर बैठक के फैसले लिए जाएंगे। अक्तूबर में हुई बैठक में मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने वित्त वर्ष 2021 के लिए जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा था।

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