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जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से की मुलाकात, कहा- एलएसी और पूर्व में हुए समझौतों का हो सम्मान

नई दिल्ली:- विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार (25 जुलाई) को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। यह जयशंकर और वांग की इस महीने दूसरी मुलाकात थी। उन्होंने ये मुलाकात आसियान विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर की। इस दौरान जयशंकर ने बीजिंग के साथ द्विपक्षीय संबंधों में स्थायित्व लाने और पुनर्बहाली के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और पिछले समझौतों का पूर्ण सम्मान सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

 

दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) की बैठकों में भाग लेने के लिए लाओस की राजधानी में मौजूद दोनों नेताओं ने मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मजबूत मार्गदर्शन देने की आवश्यकता पर भी सहमति व्यक्त की।

 

जयशंकर ने मुलाकात के बाद हुई बात-चीत 

जयशंकर ने मुलाकात के बाद एक्स पर पोस्ट किया, सीपीसी (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना) पोलित ब्यूरो सदस्य और (चीन के) विदेश मंत्री वांग यी से आज वियनतियान में मुलाकात की। हमारे द्विपक्षीय संबंधों को लेकर चर्चा जारी रही। सीमा की स्थिति निश्चित रूप से हमारे संबंधों की स्थिति पर प्रतिबिंबित होगी।

 

एलएसी का पूरा सम्मान सुनिश्चित किया जाए

उन्होंने कहा, ‘वापसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मार्गदर्शन दिए जाने की आवश्यकता पर सहमति बनी। एलएसी और पिछले समझौतों का पूरा सम्मान सुनिश्चित किया जाना चाहिए। हमारे संबंधों को स्थिर करना हमारे आपसी हित में है। हमें वर्तमान मुद्दों पर उद्देश्य और तत्परता की भावना का रुख रखना चाहिए।

 

चार जुलाई को अस्ताना में भी हुई थी मीटिंग

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैठक ने दोनों मंत्रियों को चार जुलाई को अस्ताना में अपनी पिछली बैठक के बाद से स्थिति की समीक्षा करने का अवसर दिया। मंत्रालय ने कहा, उनकी बातचीत द्विपक्षीय संबंधों में स्थायित्व लाने और पुनर्बहाली के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से संबंधित शेष मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने पर केंद्रित थी।

 

इसने कहा, दोनों मंत्री जल्द से जल्द सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए उद्देश्य और तत्परता के साथ काम करने की आवश्यकता पर सहमत हुए। सीमाओं पर शांति तथा एलएसी के प्रति सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति के लिए आवश्यक है.l।

 

आपसी हित और संवेदनशीलता पर जोर दिया

विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों पक्षों को अतीत में दोनों सरकारों के बीच हुए प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और समझ का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। विदेश मंत्री ने हमारे संबंधों के लिए तीन परस्पर महत्वों-आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता पर जोर दिया।

 

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की जल्द ही बैठक करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिति पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।

 

2020 से जारी है गतिरोध

चार जुलाई को, दोनों नेताओं ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के मौके पर कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में मुलाकात की थी। मई 2020 से भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच गतिरोध है तथा सीमा विवाद का पूर्ण समाधान अभी तक नहीं हो पाया है, हालांकि दोनों पक्ष टकराव वाले कई बिंदुओं से पीछे हटे हैं। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई थी, जो दोनों पक्षों के बीच दशकों में सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था।

 

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