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संसद में राहुल गांधी से मिल पाएंगे किसान, क्यों हुआ था विवाद?

नई दिल्ली:- संसद का सत्र चल रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में बजट पेश किया। आज यानी बुधवार को संसद में इसपर चर्चा हो रही है. इस बीच, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा, किसानों से उनकी मुलाकात नहीं होने दी जा रही।

 

 

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की बुधवार को संसद परिसर में किसानों से मुलाकात होनी है. ये मीटिंग संसद में राहुल गांधी के चैंबर में होगी। हालांकि ये मुलाकात पहले ही चर्चा में आ गई है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि किसानों का पास नहीं बनाया जा रहा। हालांकि, जब ये मामला मीडिया में आया तो किसानों को राहुल से मुलाकात की इजाजत मिली।

 

 

कांग्रेस सांसद ने कहा, नेता विपक्ष होते हुए मैंने कुछ किसानों को अपने चैंबर में बुलाया था, लेकिन उनका पास नहीं बनाया जा रहा। मैं खुद उनसे मिलने जा रहा हूं। राहुल गांधी ने कहा कि ये मुद्दा है। हमें क्या करना चाहिए। ये टेक्नीकल इश्यू भी हो सकता है। राहुल के ऑफिस के मुताबिक, मीडिया में खबर आने के बाद उनको जानकारी दी गई कि किसानों के अंदर आने के पास बनाए जा रहे हैं। अब राहुल के चैंबर में मुलाकात होग। पंजाब के 12 किसान नेता राहुल गांधी से मिलने संसद भवन पहुंचे हैं। वे कांग्रेस सांसद अमरिंदर सिंह राजा बडिंग के साथ संसद भवन परिसर में पहुंचे हैं।

 

 

विपक्षी सांसदों ने किया प्रदर्शन

आज यानी बुधवार से संसद में बजट पर चर्चा हो रही है। कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी सांसदों ने प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों ने बिहार और आंध्र प्रदेश को छोड़कर अन्य राज्यों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए राज्यसभा से बॉयकॉट किया। विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में राज्यों का नाम न लेने का अर्थ यह नहीं है कि उन्हें नजरअंदाज किया गया है।

 

 

उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ देर बाद विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बजट का जिक्र करते हुए कहा, इसमें किसी भी राज्य को कुछ नहीं मिला। सबकी थाली खाली और दो की थाली में पकौड़े और जलेबी। उन्होंने दावा किया कि बजट में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली और ओड़िशा सहित कई राज्यों को कुछ नहीं मिला।

 

 

खरगे ने आरोप लगाया कि जिन क्षेत्रों में विपक्षी पार्टी चुनकर आई है या जहां जनता ने सत्तारूढ़ पार्टी को नकार दिया है, उन क्षेत्रों को बजट में नजरअंदाज किया गया है। खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि बजट भाषण में अक्सर हर राज्य का नाम लेना संभव नहीं होता है लेकिन इसका यह लगाना कि राज्यों को नजरअंदाज किया गया, अनुचित है।

 

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