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इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी का जेल में है हाल बेहाल, अब कोर्ट से लगाई ये गुहार

इस्लामाबाद:- पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को जेल में अंतरराष्ट्रीय मानक की सुविधाएं दिए जाने का अनुरोध करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया है। एक मीडिया रिपोर्ट से मंगलवार को यह जानकारी सामने आई। सूत्रों के हवाले से पता चला है रावलपिंडी की अडियाला जेल में कैद इमरान और बुशरा ने वहां “उच्च स्तरीय सुविधाएं” उपलब्ध कराने के अनुरोध को लेकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है।

 

 

सलाखों के पीछे हैं बुशरा और इमरान

इमरान (71) को वर्ष 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से अपदस्थ किया गया था। वह तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले, गोपनीय दस्तावेज (साइफर) लीक मामले और गैर-इस्लामी निकाह मामले सहित अन्य मामलों में गिरफ्तार किए जाने के बाद एक साल से भी अधिक समय से जेल में हैं। वहीं, बुशरा (49) भी तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले और गैर-इस्लामी निकाह मामले में गिरफ्तारी के बाद महीनों से सलाखों के पीछे हैं।

 

 

यह भी ध्यान दे

वकील अजहर सिद्दिकी के माध्यम से दाखिल याचिका में कैबिनेट सचिव, गृह सचिव और कानून सचिव को पक्षकार बनाया गया है। खबर के मुताबिक, याचिका में पंजाब प्रांत के मुख्य सचिव, संघीय जांच एजेंसी (एफआईए), राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) और इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को भी पक्षकार बनाने का अनुरोध किया गया है। खबर के अनुसार, याचिका में उच्च न्यायालय से अडियाला जेल प्रशासन को राजनीतिक कैदियों के लिए अंतरराष्ट्रीय संधियों, संवैधानिक धाराओं और जेल नियमों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का आदेश देने का आग्रह भी किया गया है।

 

 

इमरान के दावों को किया खारिज 

खबर के मुताबिक, याचिका में उन लोगों की सूची तलब किए जाने का भी अनुरोध किया गया है, जो रावलपिंडी जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक इमरान से मिलना चाहते हैं। इसमें मुलाकात की अवधि पर एक रिपोर्ट मांगने का भी आग्रह किया गया है। यह याचिका इमरान के ब्रिटिश अखबार ‘द संडे टाइम्स’ को दिए उस साक्षात्कार के बाद दाखिल की गई है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उन्हें काल कोठरी (डेथ सेल) में कैद किया गया है, जहां यह सुनिश्चित करने के लिए “आतंकवादियों” को रखा जाता है कि “वो किसी से संपर्क ना कर पाएं।” हालांकि, संघीय कैबिनेट ने इमरान के दावों को सोमवार को खारिज कर दिया। उसने कहा कि पीटीआई प्रमुख को जिस जेल में रखा गया है, वह ‘प्रेसिडेंशियल सुइट’ के समान है, जो “एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति के घर से कहीं बेहतर है।

 

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