नई दिल्ली:- राज्यसभा में जब पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे तो विपक्षी सांसदों ने विरोध किया, नारे लगाए और वॉकआउट किया। विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “देश देख रहा है कि झूठ फैलाने वालों में सच सुनने की ताकत नहीं है। जिनमें सत्य का सामना करने का साहस नहीं है, उनमें इन चर्चाओं में उठे प्रश्नों के उत्तर सुनने का साहस नहीं है। वे उच्च सदन का, उच्च सदन की गौरवशाली परंपरा का अपमान कर रहे हैं।”
मैंने उनसे अनुरोध किया(उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़)
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री के बोलने के दौरान विपक्षी सांसदों के राज्यसभा से बाहर चले जाने के बाद राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैंने उनसे अनुरोध किया कि विपक्ष के नेता को बिना किसी रुकावट के बोलने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। आज उन्होंने सदन को नहीं बल्कि गरिमा को पीछे छोड़ा है। आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है बल्कि भारत के संविधान को पीठ दिखाई। उन्होंने मेरा या आपका अपमान नहीं किया बल्कि उन्होंने जो संविधान की शपथ ली थी उसका अपमान किया है। भारत के संविधान का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता। मैं उनके आचरण की निंदा करता हूं। यह एक अवसर है जहां उन्होंने भारतीय संविधान को चुनौती दी है। उन्होंने भारतीय संविधान की भावना को अपमानित किया है, उन्होंने जो शपथ ली थी उसकी अवहेलना की है। भारतीय संविधान आपके हाथ में पकड़ने वाली चीज़ नहीं है, यह जीवन जीने की किताब है। मुझे आशा है कि वे आत्मचिंतन करेंगे और कर्तव्य पथ पर चलेंगे।”
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