वाराणसी (उत्तर प्रदेश):- भू-माफियाओं ने अपना चोला बदल लिया है और अब वे भगवान को भी धोखा देने लगे हैं। बाहुबलियों और जमीन के लालचियों ने मंदिरों और मठों की जमीन पर कब्जा शुरू कर दिया है। एक ऐसी घटना सामने आई है जिसमें वाराणसी जिले के सिंधोरा में प्राचीन हनुमान मंदिर के पास तालाब को कुछ लोगों के द्वारा जबरदस्ती कब्जा कर लिया गया है। इस मामले को लेकर प्रशासन को सूचित किया जा चुका है, उसके बाद भी प्रशासन की ओर से अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। वह इस मामले को लेकर बिल्कुल मौन बैठी है।
वाराणसी के सिंधोरा बाजार में प्राचीन हनुमान मंदिर के पास गांव समाज का एक तालाब है। इस तालाब पर कुछ भू-माफियाओं ने अपना कब्जा जमा लिया गया है। इसके साथ ही गांव के कई गंदे नाले के पानी की निकासी भी तालाब में कर दी गई है।
इसका विरोध सिंधोरा निवासी 80 वर्षीय खिलाड़ी सिंह ने किया तो पूरी तरह से उन्हें दबाने की कोशिश की गई। खिलाड़ी सिंह ने ‘दस्तक हिंदुस्तान’ से बात करते हुए बताया कि यह मामला कमिश्नर ऑफिस में है और पिछले 3 साल से चल रहा है लेकिन अभी तक इसमें कोई सुनवाई या किसी अधिकारी की ओर से कोई पहल नहीं की गई। ऐसे में गांव लोगों का कहना है कि यह मंदिर हम सब के आस्था का केंद्र है जिस पर जबरन कब्ज़ा कर लिया गया है और अब बहुत समय हो गया है न्याय मिलना चाहिए। ऐसे कई मामलों में सीएम योगी का आदेश है कि त्वरित कार्रवाई हो उसके बाद भी यहां का प्रशासन चुप बैठा है।
दरअसल, शहर और गांव में मंदिर और ट्रस्टों की कई बेशकीमती जमीनें पड़ीं हैं। इन जमीनों पर भू-माफिया अपने नजरें गढ़ाकर अवैध अतिक्रमण को बढ़ावा देकर इन जमीनों को कब्जे में ले रहे हैं। शहरी क्षेत्र में ही रिहायशी और महत्वपूर्ण इलाकों में आ रहीं यह जमीनें आज करोड़ों रुपए की हैं जिस कारण से भू-माफिया कब्जे कर इन्हें हथिया रहे हैं।
*भू-माफियाओं के खिलाफ सीएम योगी के निर्देश
हालांकि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार लगातार माफियाओं और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाती रही है। राज्य में अपराधियों के खिलाफ भी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति काम करती रही है। सीएम योगी कई मौकों पर इसका जिक्र भी करते हैं। लेकिन अब एक बार फिर से सीएम योगी ने राज्य में भू-माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती जारी रखने की जरुरत है।
सीएम योगी ने कहा, “प्राधिकरणों और नगरीय निकायों में भू-माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कठोरतम कार्रवाई जारी रहनी चाहिए। भूमि सरकारी हो या निजी, अवैध कब्जे की हर शिकायत पर पूरी संवेदनशीलता के साथ त्वरित कार्रवाई होगी।