विश्व:बीते दिनों रूस की सरकारी मीडिया ने एक ऑनलाइन कॉल की रिकॉर्डिंग वायरल की थी, जिसमें जर्मन वायु सेना के चार वरिष्ठ अधिकारी मिले हुए थे। ये लोग कथित तौर पर युक्रेन में जारी रूस के युद्ध से जुड़े संभावित परिदृश्यों पर वार्तालाप कर रहे थे।
पूरी दुनिया में साइबर जासूसी हो रही है। खासकर सिंगापुर को सबसे ज्यादा लक्ष्य बनाया जा रहा है। इसका कारण है कि यह देश व्यापार से संबंधित लेख और हाई प्रोफाइल सम्मेलनों की मेहरबानी के लिए लोगों के केंद्र में बना रहता है।
एस राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के सीनियर फेलो डॉ. एलन चोंग का कहना है कि हम पहले से कहीं अधिक मिले हुए हैं, इसलिए साइबर जासूसी पूरी दुनिया में हो रही है।
दरअसल, बीते दिनों जर्मन सैन्य अधिकारियों की एक गोपनीय बैठक की रिकॉर्डिंग वायरल हुई थी। इस जासूसी मामले की जांच जारी है। मार्च की पहली तारीख को रूस की सरकारी मीडिया ने एक ऑनलाइन कॉल की रिकॉर्डिंग जारी की थी,जिसमें जर्मन वायु सेना के चार वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। ये लोग कथित तौर पर युक्रेन में जारी रूस के युद्ध से जुड़े संभावित परिदृश्यों पर चर्चा कर रहे थे।
जब सवाल उठने लगे की आखिर यह रिकॉर्डिंग बाहर कैसे आई,तो बर्लिन के अधिकारियों का मानना था कि हैकर्स ने सिंगापुर के एक होटल के कमरे से मीटिंग में शामिल होने वाले किसी ऐसे प्रतिभागी के पासवर्ड रहित डेटा को हैक कर लिया था,जो वहां मौजूद था।उस अधिकारी ने सिंगापुर में हो रहे एक ऐसे एयर शो में शामिल होने गए थे, जिसमें देश विदेश के सैनिक पहुंचते हैं।
चोंग ने कहा ‘सिंगापुर के भू-राजनीतिक स्थान को देखते हुए मेरे लिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। शीत युद्ध के बाद से,डिजिटल युग से बहुत पहले, हम पहले से ही कम्युनिस्ट और पश्चिमी शक्तियों दोनों के लिए संचालन प्रमुख थे।’
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया भर में खुफिया अभियान और तेजी से बढ़ेंगे क्योंकि एक निश्चित जगह पर अभिकर्ता नहीं भी हो तब भी दूर बैठकर साइबर जासूसी की जा सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार आयोजन, आयोजकों और होटलों ने सुरक्षा सहायता उपलब्ध कराने को प्रमाणित किया है। उनका कहना है कि उन्होंने प्रत्येक प्रकार की सुरक्षा दी थी।
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