Dastak Hindustan

प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हुए हमले में हुआ बड़ा खुलासा

नई दिल्ली :- केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी पश्चिम बंगाल में राशन घोटाले की जांच कर रहे हैं और लगातार छापेमारी कर रहे हैं। इसी सिलसिले में ईडी की टीम शुक्रवार को उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली गांव पहुंची थी। ईडी अफसरों के साथ केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान भी थे लेकिन, जब तक कि टीम कोई कार्रवाई कर पाती 200 लोगों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया और उन पर हमला बोल दिया। इसमें कई लोग घायल हो गए। ईडी अफसरों और सुरक्षा बलों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की।

लोग कहते हैं बेताज बादशाह जिस संदेशखली गांव में यह सबकुछ हुआ, वह तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां का गांव है। यह गांव उत्तर 24 परगना जिले के तहत आता है जो बांग्लादेश की सीमा से सटा है। शेख शाहजहां संदेशखली इलाके का प्रभावशाली शख्स है। उसे स्थानीय लोग बेताज बादशाह कहते हैं। वह इस इलाके से जिला परिषद का सदस्य है और कई बड़े नेताओं का नजदीकी है।

गरीबी में गुजरा बचपन शाहजहां का जन्म बेहद गरीब परिवार में हुआ। उसका बचपन गरीबी में ही गुजरा लेकिन धीरे-धीरे वह बड़े नेताओं के संपर्क में आकर संदेशखली में एक बड़ी ताकत बन गया। उसका सियासी सफर 2006 में वामपंथी शासन में शुरू हुआ, जब उसने सीपीआई नेता मोस्लेम शेख के करीबी सहयोगी के रूप में करियर की शुरुआत की। शाहजहां शेख के लिए पैसे उगाही करता था। इसके बाद उसने धीरे-धीरे रियल एस्टेट और मछली पालन में पैसे लगाना शुरू कर दिया।

ज्योतिप्रियो मल्लिक का खास आदमी 2011 में, जब राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ, तब भी शाहजहाँ वामदलों के साथ ही जुड़ा रहा लेकिन 2013 में, वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गया। तब से वह पूर्व मंत्री ज्योतिप्रियो मल्लिक का खास आदमी बना हुआ है। 2019 में जब बीजेपी-टीएमसी झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई थी, तब शाहजहां का नाम उस घटना से जोड़ा गया था। हालाँकि, तब उसने कहा था कि उसे बदनाम किया जा रहा है।

इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *