लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वे(आशुतोष टंडन) एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि थे। आज उनका दुखद निधन हुआ है। मैं परमपिता परमेश्वर से उनकी आत्मा की शांति की कामना करता हूं।
आशुतोष टंडन कैंसर से जूझ रहे थे। उनके फेफड़े में इन्फेक्शन था और डेंगू भी हो गया था। मेदांता अस्पताल में आज सुबह 10.30 पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका परिवार लखनऊ का प्रतिनिधित्व करने वाला एक प्रमुख राजनीतिक परिवार था। इसके साथ ही वे एक भले और लोकप्रिय इंसान भी थे। हर बार चुनाव में उनकी जीत का मार्जिन बढ़ता ही जाता था। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में वे नगर विकास के कैबिनेट मंत्री और चिकित्सा शिक्षा के कैबिनेट मंत्री रहे. आशुतोष टंडन के पिता लाल जी टंडन भी कैबिनेट मंत्री रहे है।
आशुतोष टंडन ने अपनी पढ़ाई लखनऊ यूनिवर्सिटी से पूरी की। पढ़ाई के बाद पिता लालजी टंडन की तरह ही वे भी राजनीति के मैदान में उतर गए। 2013 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर वे लखनऊ शहर पूर्वी सीट पर उपचुनाव में जीतकर विधायक बने। इससे पहले वह 2012 विधानसभा चुनाव में लखनऊ उत्तर सीट से खड़े थे लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। 2017 के विधानसभा चुनाव में वे फिर जीते थे। 2022 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर वे मैदान में उतरे और तीसरी बार विधायक बने थे।
योगी सरकार के पहले कार्यकाल में उसके पास चिकित्सा शिक्षा, शहरी विकास, रोजगार और गरीबी उन्मूलन जैसे कई बड़े विभाग थे। उनके पिता भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन का नाम लखनऊ की नामी शख्सियत में गिना जाता है।
पिता की तरह आशुतोष टंडन भी सौम्य स्वभाव के थे। उनकी तबीयत बिगड़ने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनका हालचाल लेने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि इलाज के बावजूद आशुतोष टंडन की सेहत में सुधार नहीं हो रहा था और गुरुवार को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
आशुतोष टंडन के निधन पर गहरा दुख जताते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं लखनऊ पूर्व विधायक श्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपालजी के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। उनका राजनीतिक जीवन लखनऊ की जनता की सेवा के लिए समर्पित था। उन्होंने पार्टी को मजबूत करने में भी अहम भूमिका निभाई।