कोलकाता (पश्चिम बंगाल):- 2011 के बाद से जब पश्चिम बंगाल में 34 साल के वाम मोर्चा शासन को समाप्त कर वर्तमान तृणमूल कांग्रेस शासन सत्ता में आई तब से भ्रष्टाचार के आरोप में तृणमूल के विधायकों सांसदों और मंत्रियों सहित 13 दिग्गज नेताओं को गिरफ्तार किया गया है।
एक को छोड़कर, जो कि तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता और पार्टी के पूर्व राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष हैं जिन्हें पश्चिम बंगाल पुलिस ने करोड़ों रुपये के शारदा चिट फंड घोटाले में गिरफ्तार किया था बाकी सभी गिरफ्तारियां सीबीआई और ईडी द्वारा की गईं।
शारदा चिटफंड घोटाले में घोष के अलावा पार्टी के तत्कालीन राज्यसभा सदस्य सृंजय बोस और तृणमूल कांग्रेस के विधायक और तत्कालीन पश्चिम बंगाल परिवहन मंत्री मदन मित्रा को गिरफ्तार किया गया था। मित्रा और बोस दोनों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
बाद में रोज़ वैली चिटफंड मामले में सीबीआई अधिकारियों ने तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय और अभिनेता से नेता बने स्वर्गीय तापस पाल को गिरफ्तार कर लिया। पाल की फरवरी 2020 में 61 वर्ष की आयु में हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई।
2021 में ईडी के अधिकारियों ने तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य और अलकेमिस्ट ग्रुप के संस्थापक के.डी. सिंह को 2018 में केंद्रीय एजेंसी द्वारा शुरू किए गए मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था ।
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