नई दिल्ली:- साल 2017 और 2018 जब मोदी सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच टकराव की खबरें खूब छपती थीं। समय से काफी पहले उर्जित पटेलने आरबीआई गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था।
अब उसी टकराव की कहानी छन कर एक किताब में दर्ज हुई है। मोदी सरकार में ही वित्त सचिव रह चुके सुभाष चंद्र गर्ग की एक किताब ‘We Also Make Policy’ आ रही है। किताब में गर्ग ने 14 सितंबर 2018 का एक किस्सा लिखा है।
उस दिन देश की आर्थिक स्थिति और सरकार-आरबीआई के बीच तनाव को लेकर बैठक थी। इसी बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना आपा खो दिया और तब के आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को पैसे के ढेर पर बैठा सांप बता दिया।
सुभाष गर्ग की किताब का एक हिस्सा छापा है। ये किताब अक्टूबर में रिलीज होगी। सुभाष गर्ग ने लिखा है कि प्रधानमंत्री ने ये बयान दो घंटे तक उर्जित पटेल तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली और प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा सहित दूसरे अधिकारियों की बातों को सुनने और प्रेजेंटेशन देखने के बाद दिया था। 2 घंटे बाद उन्हें लगा कि कोई समाधान नहीं निकल रहा है। इस बैठक में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल अतिरिक्त प्रधान सचिव पीके मिश्रा और RBI के डिप्टी गवर्नर भी थे।
उर्जित पटेल को सितंबर 2016 में RBI गवर्नर नियुक्त किया गया था। उनके पद संभालने के दो महीने बाद ही केंद्र सरकार ने नोटबंदी की थी। बाद में नीतियों में मतभेद के कारण सरकार के साथ उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे। 10 दिसंबर 2018 को निजी कारण बताते हुए उन्होंने RBI गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था।