भोपाल (मध्य प्रदेश) :- देर से ही सही पर मानसून के आते ही मौसम की रंगत के साथ ही शहर की तस्वीर भी बदलने लगी है। मंगलवार को तीसरे दिन सुबह मानसून की रफ्तार कुछ सुस्त रही। सुबह हल्के बादल छाए रहे और धूप भी निकली रही। उमस भरी गर्मी भी परेशान करती रही पर दोपहर बाद फिर माैसम ने करवट बदली और आसमान पर गहरे बादल मंडराने लगे करीब तीन बजे बादलों की गड़गड़ाहट के साथ कहीं तेज तो कहीं मध्यम बौछारें पड़ने लगीं।
रात को बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ हुई जोरदार वर्षा ने तरबतर किया
मौसम का अंदाज देख लोगों को लगा कि झमाझम वर्षा होगी पर कुछ देर बरसने के बाद बादल आगे बढ़ गए। हालांकि रात में एक बार फिर बरसने लगे। रात को बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ हुई जोरदार वर्षा ने शहर को तरबतर कर दिया। गरज-चमक के साथ वर्षा का सिलसिला रूक-रूक कर रात भर जारी रहा। माैसम विभाग की माने तो अगले 24 घंटे में जबलपुर सहित संभाग के कटनी, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट, सिवनी सहित आस-पास के जिलों में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा की संभावना है। मौसम विभाग ने भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है।
अब भी सक्रिय है चार मौसम प्रणालियां
पिछले तीन दिनों से रूक-रूक कर हो रही वर्षा से रात में वातावरण में हल्की ठंडक का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में चार मौसम प्रणालियों के असर से अभी कुछ दिन वर्षा का सिलसिला जारी रहेगा। कहीं तेज तो कहीं मध्यम वर्षा के साथ बिजली चमकने, गिरने की भी संभावना जताई जा रही है।
छह इंच के पार पहुंचा वर्षा का आंकड़ा
पिछले तीन दिनों से ठहर-ठहर कर कभी तेज तो कभी मध्यम वर्षा के कारण मानसून सीजन में वर्षा का आंकड़ा 163.1 मिलीमीटर यानी 6.4 तक पहुंच गया है। मंगलवार को सुबह से शाम तक करीब ढाई इंच से ज्यादा वर्षा हुई। विदित हो कि सीजन में जबलपुर में औसतन 52 इंच वर्षा होती है।
तापमान में उतार-चढ़ाव का दौर
मंगलवार को निकली धूप और रूक-रूक कर हुई वर्षा से दिन का तापमान करीब पांच डिग्री तक बढ़ा रहा। अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 30.7 डिग्री पर पहुंच गया। वहीं न्यूनतम तापमान आंशिक रूप से बढ़कर 23.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं गत वर्ष की बात करें तो आज के दिन अधिकतम 34.9 और न्यूनतम 24.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। वर्षा का दौर जारी रहा तो तापमान में फिर गिरावट दर्ज की जाएगी।
कलेक्टर कार्यालय के सामने चेंबर चोक
कलेक्ट्रेट के गेट नंबर दो के सामने कलेक्ट्रेट चौराहे के पास भी पूरी सड़क पर पानी भरा रहा। यहां बना चैंबर टूट जाने व चोक हो जाने से वर्षा जल की निकासी नही हो पा रही थी। जबकि कलेक्टर कार्यालय के इस द्वार से भी प्रशासनिक अधिकािरियों की आवाजाही होती रही है।
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