नई दिल्ली :- आज वैशाख माह की पूर्णिमा का दिन है और आज ही बुद्ध पूर्णिमा मनाई जा रही है। भगवान बुद्ध ने लोगों को अष्टांगिक मार्ग पर चलने का रास्ता बताया था। उनके बताए रास्ते का पालन करने से इंसान को सुख और शांति का प्राप्ति होती है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन गौतम बुद्ध की विशेष आरती करनी चाहिए। ऐसा करने से इंसान के सारे कष्टों का अंत होता है और उसके जीवन में शांति का वास होता है और वो तरक्की के मार्ग पर अग्रसर होता है।
आज हिंदुओं के लिए भी काफी पावन दिन है क्योंकि वो गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार मानते हैं। इसलिए आज वो लोग भी गौतम बुद्ध की विशेष पूजा कर रहे हैं।
भगवान बुद्ध की आरती।
वो गौतम ज्ञानी, धन्य हो गौतम ज्ञानी ।
जन्म मरण का तुमने भेद लिया जानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।-
पिता शुद्दोधन माता महामाया रानी।
जन्म लिया लुम्बिनी वन, साक्य मुनि सानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
जग का रण गृह त्यागा, वन की खाक छानी।
दुःख का कारन खोजा, दृढ़ता दी ठानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।-
तथ्य लोक का समझा, सत्य ही पहचानी।
नाम तथागत तेरा पड़ा ससम्मानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
समता समानता तू शांति मोक्ष दानी।
दुःख हर्ता सुख कर्ता, हर्ता शैतानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
जियो और जीने दो, कहा ये इंसानी।
पर पीणा निज समझो, दुःख भय परेशानी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
मन मतंग मतवाला, मेरा तूफानी।
सरण दे श्री गोपाल का, हर लो नगामी।।
धन्य हो गौतम ज्ञानी।
वो गौतम ज्ञानी, धन्य हो गौतम ज्ञानी ।।
गौतम बुद्ध की आरती। (दूसरी)
कंचन थाल पंचशील को जलाओ।
गावो रे मन बुद्ध जी की आरती गावो।।
जो जन बुद्ध जी की आरती गावे।
सुख संपत्ति जीवन फल पावे।।
सब जन मिल जुल ताली बजावो।
गावो रे मन बुद्ध जी की आरती गावो।।
कस्ट मिटेगा हरेंगे दुःख पीरा।
बुद्ध जी के जैसा नहीं कोई जग में हीरा।।
श्रद्धा सुमन अपने मन में सजावो।
गावो रे मन बुद्ध जी की आरती गावो।।
अंगुलिमाल डाकू से बन गया भिछु।
जन जन के लोग हुए प्रज्ञा के इच्छु ।।
लेके नाम बुद्ध जी का सफल तुम हो जाओ।
गावो रे मन बुद्ध जी की आरती गावो।।