हिसार (हरियाणा): राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की हिसार यात्रा के दौरान महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। उनकी विमान लैंडिंग से पहले रनवे पर नीलगाय, सुअर और अन्य वन्यजीव घूमते नजर आए जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया।
तीन दिन तक चली वन्यजीवों को हटाने की मुहिम
राष्ट्रपति के आगमन से पहले 8 मार्च से ही वन्यजीवों को हटाने के लिए वन विभाग और अन्य एजेंसियां लगातार अभियान चला रही थीं। तीन दिन की मशक्कत के बावजूद सभी वन्यजीवों को एयरपोर्ट से पूरी तरह बाहर नहीं निकाला जा सका।
वन विभाग का दावा, एयरपोर्ट ने घेरा वन्यजीवों का इलाका
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह इलाका पहले से ही वन्यजीवों का प्राकृतिक वास रहा है। अब एयरपोर्ट बनने के कारण वे बाहर नहीं निकल पा रहे। एयरपोर्ट क्षेत्र में 20-30 नीलगाय, 50 से ज्यादा कुत्ते, सुअर, तीतर और गीदड़ नियमित रूप से देखे जा सकते हैं।
मार्च-अप्रैल में उड़ान सेवा शुरू होने की उम्मीद
हिसार एयरपोर्ट से मार्च-अप्रैल तक कई राज्यों के लिए हवाई सेवा शुरू होने की संभावना है। सबसे पहली फ्लाइट अयोध्या के लिए उड़ सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे के दौरान ही एयरपोर्ट का शिलान्यास और उड़ान की शुरुआत होने की संभावना है।
रनवे पर वन्यजीव उड़ान सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा
रनवे और एयरपोर्ट क्षेत्र में घूमने वाले नीलगाय, सुअर और अन्य जानवरों से उड़ान सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। हालांकि एयरपोर्ट अधिकारियों का दावा है कि चारदीवारी बन चुकी है लेकिन झाड़ियों की वजह से वन्यजीवों को रोकने में दिक्कतें आ रही हैं।
सवाल उठता है – जिम्मेदार कौन?
राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान रनवे पर वन्यजीवों की मौजूदगी से सुरक्षा मानकों की पोल खुल गई है। अब सवाल यह उठता है कि इस चूक के लिए जिम्मेदार कौन है और इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?