लखनऊ: हाईटेक सिटी का सपना दिखाकर हजारों लोगों की गाढ़ी कमाई लगाने वाले अंसल प्रॉपर्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (अंसल API) के दिवालिया घोषित होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) और आवास विभाग के अधिकारियों को तलब किया और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खरीदारों के हितों की हर हाल में रक्षा होगी और अंसल ग्रुप के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज की जाएगी।
खरीदारों से धोखा बर्दाश्त नहीं: CM योगी
बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि अंसल ग्रुप ने खरीदारों के साथ धोखा किया है जिसे सरकार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने आदेश दिया कि जिन-जिन जिलों में अंसल ग्रुप ने परियोजनाएं चलाई हैं वहां भी FIR दर्ज की जाए। साथ ही LDA और खरीदारों की एक समिति बनाने को कहा गया है जिससे न्यायालय में ठोस सबूत पेश किए जा सकें और दोषियों को सजा दिलाने में आसानी हो।
एलडीए करेगा अपील, खरीदारों को मिलेगा न्याय
बैठक के बाद एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) के एकपक्षीय फैसले के खिलाफ सरकार अपील करेगी। उन्होंने कहा कि खरीदारों के साथ पूरा न्याय होगा और हर शिकायत की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
400 करोड़ से ज्यादा का बकाया, सरकारी जमीन भी बेची
एलडीए के मुताबिक अंसल ग्रुप पर 400 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। इसके अलावा गांव सभा की जमीन और भूमि अधिग्रहण में भी अनियमितताओं की शिकायतें हैं। सरकार ने साफ किया कि अगर इसमें कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया गया तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई होगा।
2005 में मिला था लाइसेंस अब होगा पूरा हिसाब
एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि अंसल API को 2005 में तत्कालीन सरकार ने हाईटेक टाउनशिप नीति के तहत लाइसेंस दिया था। वर्तमान सरकार अब हर खरीदार को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हजारों निवेशकों का पैसा फंसा जांच तेज
पिछले महीने एनसीएलटी ने अंसल API को दिवालिया घोषित कर दिया था। इसके बाद से लखनऊ नोएडा और अन्य शहरों में इसकी संपत्तियों को संभालने के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि कम से कम 3000 निवेशकों का पैसा अंसल की परियोजनाओं में फंसा हुआ है और कई प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं हुई है।
अब सरकार की सख्ती के बाद यह तय हो गया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और खरीदारों को न्याय मिलेगा।