उन्नाव (उत्तर प्रदेश):- तहसीलदार सदर उन्नाव का एक ऑडियो सामने आया है जिसमें वह धारा 76 के तहत अनुमति का हवाला देते सुनाई दे रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि जब मुकदमा संख्या T202010690108910 में उनका फैसला आया तो उसमें धारा 76 का अनुपालन क्यों नहीं किया गया?
मामला और भी गंभीर हो जाता है जब देखा जाए कि 2007 के असंक्रमणी दस्तावेज के बावजूद 2020 में भूमि संक्रमणी कर दी गई और दाखिल-खारिज भी हो गई। आखिर इसके पीछे क्या दबाव था? यह एक जांच का विषय है।
इस प्रकरण पर जिले के उच्च अधिकारी भी मौन हैं, जिससे जनता में असंतोष बढ़ रहा है। यह केवल आम नागरिकों को गुमराह करने का मामला नहीं है, बल्कि इससे उत्तर प्रदेश सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है।
जनता की मांग है कि सरकार इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कराए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे ताकि इस तरह की अनियमितताओं पर रोक लग सके।