अहमदाबाद (गुजरात) : गुजरात में अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच ने डिजिटल फ्रॉड से जुड़े एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने चांदखेड़ा इलाके से लोगों को ठगने के मामले में 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये सभी आरोपी पिछले 4 महीनों में 150 से ज्यादा फर्जी बैंक अकाउंट्स खोलकर ऑनलाइन ठगी के लाखों रुपये का लेन-देन कर चुके थे। ठगी की रकम को या तो विदेशों में ट्रांसफर किया गया था, या फिर क्रिप्टोकरेंसी में कन्वर्ट कर लिया गया था। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से आकर अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में एक किराए के फ्लैट में रुका हुआ था।
पुलिस उपायुक्त (साइबर क्राइम) लावीना सिन्हा ने कहा कि गिरोह जाली आधार कार्ड का इस्तेमाल चीनी साइबर अपराधियों के लिए बैंक खाते खोलने के लिए करता था, जो डिजिटल गिरफ्तारी, नौकरी धोखाधड़ी, टास्क धोखाधड़ी और निवेश धोखाधड़ी के माध्यम से लोगों को धोखा देते थे। इन खातों का इस्तेमाल 21 राज्यों के लोगों को धोखा देने में किया गया था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक खास सूचना के आधार पर, साइबर क्राइम ब्रांच ने कुछ दिन पहले शहर के चांदखेड़ा इलाके में एक अपार्टमेंट पर छापा मारा और दस लोगों को गिरफ्तार किया, जो सभी पड़ोसी राज्य राजस्थान के रहने वाले थे। उनके पास से 12 मोबाइल फोन, 43 एटीएम कार्ड, 15 सिम कार्ड, 21 चेक बुक के साथ आधार और पैन कार्ड बरामद किए गए।
मजदूरों के नाम पर खुलवाते थे अकाउंट
पुलिस ने बताया कि गिरोह के सदस्य जोधपुर और आसपास के इलाकों से गरीब मजदूरों को अहमदाबाद लाकर उनके नाम पर फर्जी आधार कार्ड बनवाकर बैंक अकाउंट्स खुलवाते थे। इन खाता धारकों को ‘म्यूल’ (भाड़े पर रखने के लिए खाता खोलने वाले व्यक्ति) के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। आरोपियों ने गुजरात के विभिन्न शहरों में भी ऐसे अकाउंट्स खुलवाए, ताकि ठगी की रकम को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर किया जा सके और फिर उसे क्रिप्टोकरेंसी के रूप में विदेश भेजा जा सके।
विज्ञप्ति में बताया गया है कि वे राजस्थान के रहने वाले सुनील धीरानी के कहने पर अहमदाबाद आए थे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मास्टरमाइंड धीरानी और उसके साथी ललित बिश्नोई के निर्देश पर,जाली आधार कार्ड का उपयोग करके शहर में बैंक खाते खोले थे। छापे में जब्त किए गए कुछ आधार कार्ड में एक ही नंबर था लेकिन पते अलग-अलग थे,जिनमें चांदखेड़ा, मोरबी और राजकोट के पते शामिल थे। विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक टीम धीरानी को गिरफ्तार करने के लिए राजस्थान के जोधपुर गई थी, जो अभी भी फरार है, हालांकि वह ललित बिश्नोई और कुलदीप किचार को पकड़ने में कामयाब रही।