(कोलकता ) बंगाल : आरजी कर रेप पीड़िता के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में मामले की दोबारा जांच करने की मांग की थी। ये याचिका बुधवार को सुनवाई के लिए लिस्ट हुई थी। लेकिन फिर पीड़िता के माता-पिता ने इसे वापस ले लिया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने पीड़ित पक्ष के वकील को चेतावनी दे दी। बता दें कि ट्रायल कोर्ट ने संजय रॉय को उम्र कैद की सजा सुनाई है।
राज्य ब्यूरो जागरण कोलकाता। महानगर के आरजी कर हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले में पीड़िता के माता-पिता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।लेकिन जब मामला सुनवाई के लिए लिस्ट हुआ तो केस ही वापस ले लिया गया।
पीड़ित पक्ष की ओर से कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की दोबारा से जांच करने की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान पीड़िता के माता-पिता की ओर से कोर्ट में पेश वकील से कुछ सवाल पूछे।
अदालत ने दी चेतावनी
अदालत ने पूछा कि इस मामले में आगे की कार्यवाही करनी चाहिए या नहीं क्योंकि एक याचिका कलकत्ता हाई कोर्ट में भी दाखिल की गई। इस दौरान कोर्ट ने पीड़ित पक्ष के वकील को सख्त चेतावनी भी दे डाली।
आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद मर्डर मामले में दायर याचिका बुधवार 29 जनवरी यानी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लिस्ट हुई थी। याचिका पर आगे की सुनवाई करने से पहले कोर्ट ने पीड़िता के माता-पिता की ओर पेश वकील से महत्वपूर्ण सवाल पूछा।
हाईकोर्ट में भी लगी याचिका
कोर्ट ने पूछा कि कलकत्ता हाई कोर्ट में भी इस बाबत एक याचिका दायर की गई है। ऐसे में क्या इस मामले में आगे की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए? इसके साथ ही कोर्ट ने पीड़िता के माता-पिता के वकील को सख्त चेतावनी भी दी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हलफनामें में दी गई बातों को लेकर सावधान रहें। कोर्ट ने आगे कहा कि इस मामले में पहले से ही कनविक्शन ऑर्डर (दोषी संजय राय के खिलाफ) है। इसके बाद पीड़िता के माता-पिता की ओर से दाखिल अर्जी वापस ले ली गई।
नये सिरे से जांच की थी मांग
हालांकि, उन्हें यह छूट दी गई कि वे नए सिरे से याचिका दाखिल करने के लिए स्वतंत्र है। बता दें कि मामले में ट्रायल कोर्ट ने संजय रॉय को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस मामले को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट नहीं माना था
जिस वजह से संजय राय को उम्रकैद की सजा दी गई है।