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राम मंदिर की भव्यता का असर, अयोध्या बनी सांस्कृतिक और पर्यटन का केंद्र

अयोध्या (उत्तर प्रदेश):-  रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के एक साल पूरे होने पर अयोध्या ने न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक और पर्यटन की दृष्टि से भी नए आयाम छुए हैं। 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर में रामलला की प्रतिष्ठा के बाद से रामनगरी का स्वरूप पूरी तरह बदल चुका है। श्रद्धालुओं की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ हुआ है।

जहां पहले अयोध्या में प्रतिदिन 4,000-5,000 श्रद्धालु आते थे अब यह संख्या डेढ़ से दो लाख तक पहुंच गई है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु न केवल रामलला के दर्शन कर रहे हैं बल्कि अयोध्या के अन्य धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का भी भ्रमण कर रहे हैं।

योगी सरकार द्वारा अयोध्या के पर्यटन स्थलों के सुंदरीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर देने के बाद स्थानीय अर्थव्यवस्था में जबरदस्त उछाल आया है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बढ़ती संख्या से छोटे व्यवसायों से लेकर बड़े औद्योगिक समूहों को फायदा हुआ है।

पहले जहां स्थानीय व्यापारियों की औसत दैनिक आय ₹500-₹600 थी, अब यह ₹1,500 से ₹2,000 तक पहुंच चुकी है।होटल, रेस्टोरेंट और पर्यटन से जुड़ी अन्य सेवाओं से हजारों लोगों को रोजगार मिला है।

अयोध्या में पर्यटन के बढ़ते स्तर को देखते हुए रैडिसन, ओबरॉय, मैरिएट, ताज और डोमिनोज जैसे बड़े समूहों ने होटल और रेस्टोरेंट खोल दिए हैं। ये प्रतिष्ठान न केवल लाखों का दैनिक कारोबार कर रहे हैं बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन के साथ ही अयोध्या को श्रेष्ठतम सांस्कृतिक नगरी के रूप में विकसित करने का अभियान शुरू हुआ। चार साल के भीतर बुनियादी ढांचे का निर्माण और एक साल में रामलला की प्रतिष्ठा ने इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।

अयोध्या के पर्यटन स्थलों का सौंदर्यीकरण, स्वच्छता और आधुनिक सुविधाएं यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। वीरान पड़े स्थल अब जीवंत हो गए हैं। सरयू घाट का विकास और वहां पर होने वाली सांस्कृतिक गतिविधियां श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण हैं। धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ यहां के व्यंजनों, बाजारों और स्थानीय हस्तशिल्प ने भी सैलानियों को लुभाया है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का एक साल अयोध्या के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ है। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने न केवल धार्मिक नगरी को जीवंत किया है बल्कि अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा दी है। अयोध्या अब केवल एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन नगरी के रूप में उभर रही है।

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