जम्मू-कश्मीर (श्रीनगर):- जम्मू में मुथी फेज-2 क्वार्टर में रहने वाले कश्मीरी पंडितों ने तीन से चार दिन पहले जम्मू विकास प्राधिकरण (JDA) द्वारा उनकी दुकानों को अवैध निर्माण बताकर ध्वस्त किए जाने के बाद मुआवजे की मांग की है। यह कार्रवाई JDA द्वारा शहर के अव्यवस्थित इलाकों में चल रहे निर्माणों को हटाने के अभियान के तहत की गई थी। कश्मीरी पंडितों का आरोप है कि उनकी दुकानें पूरी तरह से कानूनी थीं और उन्होंने इन दुकानों को अपनी आजीविका के लिए वर्षों से चला रखा था। दुकानों के ध्वस्त होने से न केवल उनकी रोजी-रोटी प्रभावित हुई है बल्कि परिवारों का जीवन यापन भी संकट में आ गया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनके पास सरकार से लाइसेंस और अन्य कानूनी दस्तावेज थे जो उनकी दुकानों को वैध साबित करते थे। अब वे मुआवजे के रूप में उचित धनराशि की मांग कर रहे हैं ताकि वे अपनी दुकानों का पुनर्निर्माण कर सकें और अपने परिवारों की देखभाल कर सकें।
इस मामले में जम्मू विकास प्राधिकरण ने यह सफाई दी है कि यह कार्रवाई नियमों और सरकारी आदेशों के तहत की गई थी और अवैध निर्माण को हटाने के लिए यह जरूरी था। हालांकि प्रभावित लोगों ने यह भी कहा कि उन्हें पहले से चेतावनी दी जानी चाहिए थी या फिर वैकल्पिक समाधान दिया जाना चाहिए था। कश्मीरी पंडितों का कहना है कि वे प्रशासन से सहयोग की उम्मीद रखते हैं और मुआवजा मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे।