नई दिल्ली :- मोदी सरकार 2.0 के आखिरी पूर्ण बजट में वित्त मंत्री ने करदाताओं को बड़ा तोहफा दिया है। अब सात लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। आइए सीए अजय बागड़िया, अभिनंदन और संतोष मिश्रा से जानते हैं कि सैलरी के हिसाब से किसे कितना टैक्स देना होगा? पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था में कितना फायदा या नुकसान होगा?
सीए अजय बागड़िया के अनुसार वर्तमान में किसी व्यक्ति को सालाना 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होता है। वर्ष 2020 में शुरू की गई इस कर प्रणाली में सात टैक्स स्लैब रखे गए थे।
- 0 से 2.5 लाख तक – कोई कर नहीं
- 2.5 से 5 लाख – पांच प्रतिशत
- 5 लाख से 7.5 लाख तक – 10 प्रतिशत
- 7.5 लाख से 10 लाख तक – 15 प्रतिशत
- 10 लाख से 12.5 लाख तक – 20 प्रतिशत
- 12.5 लाख से 15 लाख तक – 25 प्रतिशत
- 15 लाख से अधिक – 30 प्रतिशत
बागड़िया के मुताबिक अब नया इनकम टैक्स सिस्टम बाय डिफॉल्ट है और पुराना ऑप्शनल है। अगर टैक्सपेयर चाहे तो छूट और कटौती के साथ पुराने टैक्स सिस्टम में ही रह सकता है। पुरानी टैक्स व्यवस्था में आप कई तरह की छूट ले सकते हैं। जैसे 80C के तहत 1.50 लाख रुपये की छूट, 80D के तहत 25000 रुपये की छूट। आपको बता दें कि पुराना सिस्टम अभी भी लागू है, कोई व्यक्ति अपने नफा-नुकसान को देखकर नया या पुराना टैक्स सिस्टम चुन सकता है।
7.5 लाख रुपये के वार्षिक वेतन पर कर
सीए संतोष मिश्रा कहते हैं कि अगर आप सालाना 7 लाख रुपये कमाते हैं तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा और अगर आप सैलरी के मामले में सालाना 7 लाख रुपये या 7.5 लाख रुपये से ज्यादा कमाते हैं तो आपको नए टैक्स सिस्टम में दिए गए स्लैब के हिसाब से चलना होगा। जैसे ही आपकी आय 7 लाख रुपये को पार करती है, आप टैक्स स्लैब के दायरे में आ जाते हैं।
इसमें आपको पहले तीन लाख पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। लेकिन, इसके बाद तीन लाख से छह लाख (कर योग्य आय तीन लाख) पर आपको 5 प्रतिशत टैक्स की दर से 15,000 रुपये चुकाने होंगे। वहीं, छह से नौ लाख (कर योग्य आय तीन लाख) पर आपको 10 प्रतिशत टैक्स की दर से 30,000 रुपये चुकाने होंगे।
इतना होगा फायदा
आपको इनकम टैक्स के तौर पर 45000 रुपये और 4% सेस के तौर पर 800 रुपये देने होंगे। इस तरह आपको 9 लाख की आय पर 45800 रुपये टैक्स के तौर पर देने होंगे। यानी नए टैक्स सिस्टम में अगर आप 9 लाख कमाते हैं तो आपको सालाना इनकम टैक्स में 15000 रुपये की बचत होगी। क्योंकि अभी तक नए टैक्स सिस्टम के मुताबिक 9 लाख की आय पर 60000 रुपये इनकम टैक्स के तौर पर देने होते हैं।
12 लाख रुपये की वार्षिक आय पर कर
सीए अभिनंदन कहते हैं कि अगर कोई सालाना 12 लाख रुपये कमाता है तो पहले की तरह पहले तीन लाख पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके बाद अगले तीन लाख पर 5% की दर से 15000 रुपये, उसके बाद के तीन लाख पर 10% की दर से 30000 रुपये और बाकी तीन लाख पर 15% की दर से 45000 रुपये देने होंगे। इस तरह आपको इनकम टैक्स के तौर पर 90000 रुपये और टैक्स पर 4% सेस के तौर पर 3600 रुपये देने होंगे। कुल मिलाकर आपको 93600 रुपये देने होंगे।
15 लाख रुपये सालाना कमाने वालों को देना होगा इतना टैक्स
सीए अजय बागड़िया ने बताया कि 15 लाख रुपए सालाना कमाने वाले पांचवें टैक्स स्लैब यानी 12 से 15 लाख रुपए में आते हैं। इस स्लैब में 20 फीसदी टैक्स देना होता है, लेकिन आपको अपनी पूरी आय पर ये 20 फीसदी टैक्स नहीं देना होगा। आपको 12 लाख रुपए से ऊपर जो भी कमाया है यानी ऊपर के तीन लाख रुपए पर ही 20 फीसदी टैक्स देना होगा और बाकी पैसों पर शुरुआती टैक्स स्लैब लागू होगा। आपको 1 लाख 50 हजार रुपए का इनकम टैक्स देना होगा।
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