नई दिल्ली :- मानव जीवन को लेकर महान आचार्य चाणक्य ने कई ऐसी बातों का वर्णन किया है। अगर कोई इंसान चाणक्या की इन नीतिया का प्रयोग करता है तो वह अपने जीवन को स्वर्ग से भी सुंदर बना सकता है।आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में स्त्री को पहचानना के बारे में बहुत सी ऐसी बातों का वर्णन किया है। जिससे आप स्त्री के स्वभाव और भावों को आसानी से पहचान सकते हैं कि कौन सी स्त्री आपने जीवनसाथी बनने के लायक है। ग्रंथों में कहा गया है कि व्यक्ति का चरित्र की उसका सबसे बड़ा धन होता है।
मानव जीवन को लेकर महान आचार्य चाणक्य ने कई ऐसी बातों का वर्णन किया है। अगर कोई इंसान चाणक्या की इन नीतिया का प्रयोग करता है तो वह अपने जीवन को स्वर्ग से भी सुंदर बना सकता है।
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में स्त्री को पहचानना के बारे में बहुत सी ऐसी बातों का वर्णन किया है। जिससे आप स्त्री के स्वभाव और भावों को आसानी से पहचान सकते हैं कि कौन सी स्त्री आपने जीवनसाथी बनने के लायक है। ग्रंथों में कहा गया है कि व्यक्ति का चरित्र की उसका सबसे बड़ा धन होता है।
प्रकृति ने नारी में कोमलता, सज्जनता और ममता के गुणों का एक जोड़ कहा है। आचार्य जी का कहना है कि अगर किसी महिला में ये गुण एकसाथ पाए जाते हैं तो वह किसी सरस्वति से कम नहीं है।आज हम बताएंगे चरित्रहीन महिलाओं की पहचान कैसे करें।
आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में चरित्रहीन औरतों के बारे में विस्तार से जिक्र किया है. आज हम आपको ऐसी ही कुछ निशानियां महिलाओं के बारे में देगें।
जिससे आप आसानी से उस महिला की पहचान कर सकते हैं, जो आपकी होकर भी किसी और की हो सकती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक में ऐसी स्थितियों के बारे में लिखा है जो आज भी हमें देखने को मिलती है।
चरित्रहीन महिलाओं में होते हैं ये लक्षण
महिलाओं के चेहरे और शरीर पर कुछ ऐसे लक्षण होते हैं, जिससे पहचान की जा सकती है कि ये महिला कैसी है। कहा जाता है कि कुछ साकारात्मक गुण ऐसे होते हैं। जिससे उन महिलाओं को माता लक्ष्मी का दर्जा दिया जाता है। वहीं कुछ ऐसे लक्षण भी होते है जो उनके अशुभ होने की ओर इशारा करता है।
कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जिनके व्यवहार एक परिवार को चलाने के अनुकूल नहीं होता है और वह कुछ ही समय में घर का नाश कर देती है। वहीं महिलाओं को सामाजिक भाषा में अशुभ या कुलाक्षनी के नाम से जाना जाता है। ऐसे कहा जाता है कि इन महिलाओं की पहचान तब तक संभव नहीं है, जब तक कि उन्हें अच्छी तरह से जान-पहचान ना लिया जाए।
चरित्रहीन महिलाओं को एक से ज्यादा मर्दों से संबंध बनाने में शर्म नहीं आती। ऐसी महिलाओं के कई पुरुष मित्र होते हैं। वह चतुराई से सबको अपने प्रेमजाल में फंसा लेती है।
इन महिलाओं के दिल में कोई और है और ये किसी और मर्द से संबंध बना रही हैं। ऐसी महिलाएं किसी और से प्यार का इजहार करती हैं और किसी दूसरे पुरुष से प्यार करती हैं।
पैर से की जाती है पहचान
जिस महिला के पैर का पिछला हिस्सा काफी मोटा होता है, वास्तु शास्त्र में कहा जाता है कि जिस महिला के पैर में ऐसा होता है वह सही नहीं होती है। वह घर में कभी भी सुख समृद्धि नहीं रहने देती है।
इसके विपरीत यदि पैर का पिछला भाग बहुत पतला या सूखा हो तो ऐसी महिलाओं को अपने जीवन में तरह-तरह के दर्द को अपने जीवन में झेलना पड़ता है।
जिनकी पैर कि कनिष्ठिका या उसके साथ वाली अंगुली पृथ्वी को न छूती हो और अंगूठी के साथ वाली अंगुली अंगूठे से अधिक लंबी हो, ऐसी स्त्रियां स्थिति और परिस्थिति के मुताबिक अपने आप को ढ़ाल लेती है।
कहा जाता है कि अगर ऐसा महिला किसी के घर में आती है तो वह घर कभी भी तरक्की नहीं करता है। एक रिसर्च के बाद पता लगा है कि ऐसी महिलाएं लगभग गुस्से वाली होती है। इन्हें नियंत्रित करना किसी के बस की बात नहीं है। ऐसी महिलाओं के चरित्र पर कभी विश्वास करना सही नहीं है।
माथा बताता है महिला की असलियत
ललाट या माथा लंबा होता है, ऐसी महिलाएं अपने देवर के लिए अशुभ मानी जाती है। कहा जाता है कि जिस घर मे देवर भाभी का गलत रिशता बनता है वह इसी तरह की महिलाएं करती है।
जिन महिलाओं का पेट लंबा होता है, वह अक्सर अपने ससुर के साथ नाजायज संबंध बनाती है. जिन महिलाओं के कमर का नीचे का हिस्सा बड़ा होता है वह महिला किसी बाहर के शख्स के साथ गलत काम करती है।
पेट से करें स्त्री की पहचान
अगर किसी महिला का पेट घड़ी की तरह है तो वह महिला जीवन भर दुख और गरीबी के दौर में रहने वाली है। ऐसी महिला कभी भी अपने घर को सुख नहीं दे सकती है। कहा जाता है कि इन महिलाओं के मुक्कदर में ही दुख लिखा होता है तो वह कैसे अमीर होने के सपने देख सकती है।