लखनऊ (उत्तर प्रदेश):- चाणक्य नीति के अनुसार औरत को कोई समझ नहीं सकता। भारत में स्त्रियों को देवी का दर्जा दिया गया है। लेकिन यह देवी के साथ समाज द्वारा समय-समय पर दुर्व्यवहार होता रहता है। प्रकृति ने स्त्री के भीतर कोमलता, सौम्यता और ममता का गुण भरपूर मात्रा में दिया है। आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में चरित्रहीन महिलाओं के बारे में कई ऐसी बातें बताई हैं। जिन पर विचार और उन बातों को अनुसरण करने वाले व्यक्ति के जीवन में कभी भी दुख और धोखा आदि का भाव उत्पन्न नहीं होता।
आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक में ऐसी परिस्थितियों के बारे में लिखा है जो आज भी देखने को मिल सकती हैं। ऐसे ही आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के बारे में कुछ ऐसी बातें बताई हैं। जिनको जानकर किसी भी चरित्रहीन स्त्री के प्यार में आप नहीं पड़ेंगे तो आइए जानते हैं आचार्य चाणक्य के अनुसार चरित्रहीन महिलाओं के बारे में-
यह सभी गुण हर महिलाओं में देखी जाती है। लेकिन कहते हैं ना हाथों की पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती, उसी तरह हर महिला ममता की मूर्ति हो, यह जरूरी भी नहीं। हमारा समाज स्त्रियों को परिवार का इज्जत मानता है। महिला को यह जिम्मेदारी भी दिया जाता है के परिवार इज्जत पर क्षति ना आए।
महिलाएं अपने परिवार की इज्जत को बचाने का काम करती है। अपनी नैतिक और सामाजिक आचरण को पवित्र रखती है। चाणक्य ने बताया है कि स्त्री जाति एक बहुत ही पूजनीय जाति होती है।
आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक में स्त्री को देवी का दर्जा दिया है पर कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जो अपने कुचरित्र और चरित्रहीन की वजह से अपने से जुड़े लोगों के जीवन पर गलत प्रभाव डालती हैं। ऐसी महिलाओं को केवल एक पुरुष से प्यार करना नहीं आता।
आपके मन में हमेशा यह सवाल आ रहा होगा की चरित्रहीन औरत की पहचान कैसे करें, तो नीचे इसकी पूरी जानकारी दी गयी है जो आपको मदद कर सकता है।