नई दिल्ली :- भारत की शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टीवी समाचार चैनलों द्वारा की गई स्व-नियामक कार्रवाइयों की प्रभावकारिता पर सवाल उठाया और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए) से मौजूदा तंत्र को मजबूत करने का आग्रह किया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि टीवी चैनल्स के मजबूत स्व-नियमन के लिए वह जल्द ही नई गाइडलाइंस जारी करेगा साथ ही अदालत ने दंड संरचना पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर जोर दिया।। शीर्ष अदालत ने कहा कि 15 साल से एक लाख का ही जुर्माना लगाना अप्रभावी है।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि जब तक नियमों को सख्त नहीं बनाया जाएगा, तब तक टीवी चैनल वाले इसका पालन नहीं करेंगे। टीवी चैनलों के सेल्फ रेगुलेशन में कमी को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) की अपील पर सुनवाई के दौरान पीठ ने ये टिप्पणी की।
सुप्रीम कोर्ट ने दागे तीखे सवाल
बॉम्बे हाईकोर्ट ने टीवी चैनल्स के स्व-नियमन को नाकाफी बताते हुए इसे सख्त बनाने का निर्देश दिया था। इसके खिलाफ न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
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