नई दिल्ली:- 14 अगस्त को पाकिस्तान द्वारा अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने से ठीक एक दिन पहले बलूच राष्ट्रवादियों ने रविवार सुबह ग्वादर बंदरगाह शहर में 23 चीनी नागरिकों को ले जा रहे एक काफ़िले पर बड़ा हमला किया।
चीनी की राष्ट्रीय अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने ट्वीट किया: “ग्लोबल टाइम्स को पता चला है कि पाकिस्तान में ग्वादर पुलिस स्टेशन के पास इंजीनियरों के एक चीनी काफ़िले पर हमला किया गया । तीन एसयूवी और एक वैन का काफ़िला सभी बुलेटप्रूफ थे,इनमें 23 चीनी कर्मी सवार थे। हमले के दौरान एक आईईडी विस्फोट हुआ और वैन पर गोली चलायी गयी, जिससे शीशे में दरारें पड़ गईं।
इस हमले की ज़िम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है, जो पाकिस्तान से आज़ादी की लड़ाई लड़ रही है।
रविवार को प्रेस बयानों की कड़ी में बीएलए ने कहा: “ग्वादर में आज एक आत्म-बलिदान ऑपरेशन में बीएलए मजीद ब्रिगेड के दो फ़िदायीन, दश्त निगोर के नवीद बलूच उर्फ़ असलम बलूच और गेशकोर अवारान के मक़बूल बलूच उर्फ कयिम बलूच ने एक चीनी इंजीनियरों के काफ़िले को निशाना बनाया। यह ऑपरेशन ज़िरपहाज़ग दो घंटे से अधिक समय तक चला। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक़, कम से कम चार चीनी नागरिक और पाकिस्तानी सेना के नौ जवान मारे गए और कई घायल हो गए। यह प्रारंभिक जानकारी है और दुश्मन के नुक़सान की संख्या बढ़ सकती है।”
यह दुस्साहसिक हमला ग्वादर में फ़क़ीर कॉलोनी के पास उस सड़क पर हुआ, जो चीन द्वारा अपने वैश्विक बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत बनाए जा रहे हैमर-हेड बंदरगाह की ओर जाती है। बीजिंग ने अपने दक्षिण-पश्चिमी शिनजियांग प्रांत को हिंद महासागर के गर्म पानी पर स्थित ग्वादर से जोड़ने के लिए लगभग 62 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। इसका उद्देश्य अपनी विशाल ऊर्जा आपूर्ति और व्यापार को सुरक्षित करने के लिए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों और अंडमान सागर से गुज़रने वाले कमज़ोर मलक्का जलडमरूमध्य समुद्री मार्ग को बायपास करना है।
चीन दुनिया भर में बंदरगाहों का निर्माण कर रहा है। इसकी बंदरगाह-निर्माण की होड़, जो हमेशा कई कारकों के लिए विवादास्पद रही है, हाल ही में ख़बरों में इसलिए थी, क्योंकि रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि कई वाणिज्यिक बंदरगाहों को सैन्य बंदरगाहों में परिवर्तित किया जा सकता है।
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Follow us on Facebook