नई दिल्ली :- इरॉस इंटरनेशनल मीडिया (Eros International Media) के शेयरों में 23 जून को बड़ी गिरावट आई। सेबी (SEBI) ने 22 जून को इस कंपनी पर प्रतिबंध लगाया था। इसका असर अगले दिन इसके शेयरों पर देखने को मिला। कंपनी के सीईओ और प्रमोटर्स के मार्केट में किसी तरह की एक्टिविटीज पर रोक लगाई गई है। उन पर ट्रेड प्रैक्टिसेज का उल्लंघन करने का आरोप है। सेबी ने कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स की जांच के बाद यह बैन लगाया है। जांच में डेटा में गड़बड़ी और फंड के दुरूपयोग का पता चला था। बाजार खुलते ही यह स्टॉक 20 फीसदी तक गिर गया था। हालांकि, बाद में यह थोड़ा संभलने में कामयाब रहा। 11:18 बजे इसका प्राइस 15 फीसदी गिरकर 22 रुपये था।
सेबी ने Eros के वाइस-चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील अर्जन लुला के किसी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर बनने पर भी रोक लगा दी है। उन्हें इरोज इंटरनेशनल और इसकी सब्सिडियरी कंपनियों में भी डायरेक्टर बनने की इजाजत नहीं होगी। कंपनी के सीईओ प्रदीप कुमार द्विवेदी को भी किसी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर बनने से रोक दिया गया है। मार्केट रेगुलेटर ने एक फॉरेंसिक ऑडिटर की भी नियुक्ति की है। वह Eros के बुक्स ऑफ अकाउंट्स की जांच करेगा।
फाइनेंशियल ईयर 2019-20 में कंटेंट एडवान्सेज, फिल्म राइट्स और स्पेशिफिक गुडविल के इम्पयेरमेंट के लिए कुल 1,553 करोड़ रुपये का फंड एलोकेट किया था। उस दौरान ट्रेड रिसिवएबल्स को राइट-ऑफ करने से कंपनी को 519 करोड़ रुपये का लॉस हुआ था। सेबी के आदेश में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि कंपनी ने अपने फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स को बढ़ाचढ़ा कर दिखाया है। उसने इसमें संभावित Fraudulent entities से मिलने वाली रकम को भी शामिल की है। सेबी के आदेश के मुताबिस, Eros पर इन एनटिटीज को फंड की राउंड-ट्रिपिंग में शामिल होने का भी आरोप है। इन एनटिटीज से हुई अर्निंग्स का इरोज की कुल अर्निंग्स में बड़ा हाथ रहा है।
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