गांधी नगर (गुजरात):- अमेरिका की चिप निर्माता कंपनी माइक्रोन टेक्नोलाजी भारत में 2.7 अरब डॉलर के निवेश से सेमीकंडक्टर टेस्टिंग और पैकेजिंग यूनिट लगाएगी। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस संयंत्र की स्थापना पीएम के गृह राज्य गुजरात में की जाएगी। इस संयंत्र को 1.34 अरब डॉलर का प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (पीएलआइ) भी दिया जाएगा।
पीएम मोदी माइक्रोन के अधिकारियों से कर सकते हैं मुलाकात
प्रोत्साहन योजना पैकेज के आकार के कारण ही संयंत्र को कैबिनेट की मंजूरी की आवश्यकता थी। माइक्रोन ने इससे पहले भी देश में फैक्ट्री लगाने के लिए संपर्क किया था, लेकिन प्रोत्साहन को लेकर पेच फंस गया था और कैबिनेट ने इसे मंजूरी प्रदान नहीं की थी।
संयंत्र को मंजूरी दिए जाने के संबंध में जब कंपनी और सरकार के प्रवक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। बता दें कि पीएम मोदी अमेरिका यात्रा के दौरान माइक्रोन के अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं।
यह केंद्र सरकार द्वारा OSAT इकाई की पहली स्वीकृति होगी, जिसे असेंबली टेस्टिंग मार्किंग एंड पैकेजिंग ( Assembly Testing Marking & Packaging) इकाई के रूप में भी जाना जाता है। यह देश में सेमीकंडक्टर निर्माण (Semiconductor Manufacturing) को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के 76,000 करोड़ रुपये के पैकेज के हिस्से के रूप में आता है।
इस मामले से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक माइक्रोन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और सरकारी अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। माइक्रोन बोर्ड से उसके नियोजित निवेश वह क्षमता जो वह बनाना चाहता है और सरकार जो मदद चाहती है, उसका विवरण मांगा गया है ताकि प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
समिति को वास्तव में उनके द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पसंद आया है। अभी अंतिम समय में कुछ अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। यह एक कठोर प्रक्रिया है, क्योंकि इसमें बहुत सारा सार्वजनिक धन शामिल है। प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही इसे मंजूरी मिल सकती है।
सूत्रों के मुताबिक माइक्रोन इंडिया ने प्रस्तावित निवेश विवरण और शीघ्र मंजूरी के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। जबकि सूत्रों का कहना है कि कंपनी का फैसला चीन द्वारा लगाए गए आंशिक प्रतिबंध से प्रभावित हो सकता है।
स्थिति से परिचित एक अन्य व्यक्ति के अनुसार चीन ने माइक्रोन पर इसे राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिम करार देते हुए कुछ प्रतिबंध लगाए थे। उनके पास चीन में लगभग 16 सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन असेंबली लाइनें हैं। इसलिए उन्होंने दूसरे देशों की ओर देखना शुरू किया और भारत के साथ अब तक की बातचीत सबसे अधिक फलदायी रही है। उन्होंने मलेशिया पर भी विचार किया लेकिन देश में प्रतिभा की कमी है। इसलिए भारत स्वाभाविक पसंद बन जाता है।
सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के संबंध में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग में “महत्वपूर्ण परिणामों” की संभावना बताते हुए, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान द्वारा घोषणा के बाद ये हालिया घटनाक्रम बारीकी से अनुसरण करते हैं। सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर आवेदनों की आधिकारिक स्थिति की घोषणा कर दी गई है।