दिल्ली:- टेलीविजन धारावाहिक ‘रामायण’ बनाने वाले रामानंद सागर के पुत्र प्रेम सागर ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि उन्होंने ‘आदिपुरुष’ में ऐसे संवादों की कल्पना कैसे की? अगर ये आज की पीढ़ी के लिए है लेकिन आप जनता के साथ ऐसा नहीं कर सकते हैं। आप इस फिल्म का दूसरा नाम दे दीजिए। लेकिन जब आप रामायण बनाते हैं तो इसके साथ कपट नहीं कर सकते क्योंकि इसे भक्ति से लोग देखते हैं।
अब प्रभास की आदिपुरुष को लेकर कयास लगे थे कि ये फिल्म एक एग्जांपल सेट करेगी और कथित रूप से 600 करोड़ की लागत से बनी फिल्म कुछ अलग कमाल करते दिखाएगी। ऐसे में रिलीज के बाद से जो भी इस फिल्म को थिएटर्स से देख कर वापस आ रहा है अपना हाथ माथे पर धरे दिखाई दे रहा है।
राजीव गांधी सरकार के मंत्रियों और नौकरशाहों में इस बात को लेकर मतभेद था कि रामानंद सागर के ‘रामायण’ को सरकारी चैनल पर प्रसारित किया जाना चाहिए या नहीं। रामायण के बनने और उसके प्रसारण की कहानी को बहुत ही दिलचस्प तरीके से रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने अपनी किताब ‘An Epic Life: Ramanand Sagar: From Barsaat to Ramayan’ में लिखी है। दरअसल, यह किताब रामानंद सागर की जीवनी है।
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