जयपुर (राजस्थान):- जैसलमेर में तीन पाकिस्तानी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता मिली। क्लेटर टीना डाबी ने बताया, “पिछले एक साल में 30-31 लोगों को भारतीय नागरिकता दी गई है। आज 3 लोगों को नागरिकता दी गई है। हमारा लक्ष्य है 100 पार करना है और 100 ही क्या हम चाहते हैं कि जितने लोगों को नागरिकता दी जा सकती है उतने लोगों को नागरिकता दे दें।
जैसलमेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी की ओर से बुधवार को की गई घोषणा के बाद प्रवासियों का विरोध शांत हो गया है। बता दें कि शहरी सुधार ट्रस्ट (यूआईटी) ने 17 मई को अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत अमरसागर क्षेत्र में कई अस्थायी घरों को ध्वस्त कर दिया और यहां अवैध रूप से रहने वाले प्रवासियों को बेदखल कर दिया।
बुधवार को मीडिया से बात करते हुए आईएएस टीना डाबी ने कहा कि हालांकि आवंटित भूमि उन व्यक्तियों के लिए आरक्षित होगी, जो अभी भी पाकिस्तानी प्रवासी के रूप में हैं। आवंटन केवल भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के बाद ही होगा।
राजस्थान के जैसलमेर के मूल सागर गांव में सरकारी जमीन से विस्थापित हुए पाकिस्तान के हिंदू प्रवासियों को अब 40 बीघा जमीन मिलेगी। जिला प्रशासन ने यह घोषणा की है।कुछ पाकिस्तानी प्रवासी अपने रिश्तेदारों के साथ सरकारी जमीन पर बने अस्थायी घरों में रह रहे थे, जिन्हें हाल ही में हटा दिया गया। भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस के नेताओं ने भी इस कदम का विरोध किया।इसके बाद जिलाधिकारी टीना डाबी ने इन प्रवासियों के लिए 40 बीघा सरकारी जमीन आवंटित करने का फैसला किया। हालांकि, यह जमीन केवल भारतीय नागरिकता वालों को ही मिलेगी।पार्टियों के नेताओं द्वारा उन्हें हटाने पर आपत्ति जताए जाने के बाद कलेक्टर ने उनके लिए मुफ्त में भोजन, पानी और आवास की व्यवस्था की।
ये शरणार्थी अभी रैन बसेरा में रह रहे हैं। उनके लिए भोजन की व्यवस्था इंदिरा रसोई में जिला प्रशासन द्वारा की गई है। सभी 50 परिवार इस समय रैन बसेरा में बसे हुए हैं।मूल सागर में नगरीय सुधार न्यास (यूआईटी) द्वारा भूमि आवंटन के बाद अब बहुत जल्द ये प्रवासी नए स्थान पर जाकर झोपड़ी बनाएंगे।