विवेक मिश्रा की स्पेशल रिपोर्ट
सोनभद्र (उत्तर प्रदेश):- सवा छह वर्ष पूर्व हुए रमापति उर्फ दुर्गावती देवी हत्याकांड के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार यादव की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी पति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।15 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के पड़रछ टोला भालुकुदर गांव निवासी श्यामलाल गौड़ पुत्र रामचंद्र गौड़ ने विंढमगंज थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी बहन रामपति उर्फ दुर्गावती देवी की शादी वर्ष 2005 में रामदास गौड़ पुत्र रामकुमार निवासी महुली टोला टहरिया खोली, थाना विंढमगंज , जिला सोनभद्र के साथ हुई थी।
मृतक बहन को एक बेटी भी है जिसका नाम चांदनी 8 वर्ष की है। तीन मार्च 2017 को सुबह 9 बजे उसके मोबाइल पर उसके बहनोई कपिल पुत्र राम सिंह निवासी तुमिया थाना कोन , जिला सोनभद्र ने बताया कि बहन रामपति को उसके बहनोई रामदास गौड़ ने मारकर उसके शव को नाले में जला रहे हैं। इस सूचना पर जब नाले पर गये तो वहां से लोग शव को जलाकर चले गए थे।उसके बाद घर गया तो कोई नहीं मिला।
इस तहरीर पर पुलिस ने एफ आई आर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनना गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने के बाद दोषसिद्ध पाकर दोषी रामदास गौड़ को उम्रकैद की सजा सुनाई व 15 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञानेंद्र शरण रॉय ने बहस की।