नई दिल्ली :- ओडिशा में हुए बालासोर हादसे में रेलवे ने उन खबरों का खंडन किया है, जिनमें बताया गया था कि एक जूनियर इंजीनियर अपने परिवार के साथ फरार हो गया है। उड़ीसा ट्रेन हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एक ऐसा हादसा जिसमें कई अपनों को अपनों से दूर कर दिया। बच्चों से मां-बाप का साया छीन लिया और मां-बाप से औलादें। न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण-पूर्व रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी आदित्य कुमार चौधरी ने कहा है कि ऐसी खबरें तथ्यात्मक तौर पर गलत हैं जिनमें बताया गया है बहानगा का एक स्टाफ भाग गया है और लापता है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बालासोर रेल हादसे की जांच कर रही CBI टीम जूनियर इंजीनियर को उसके किराये के घर पर पूछताछ के लिए ले गई। इससे पहले CBI ने इस घर को सील किया था। CBI की टीम ने इससे पहले 16 जून को इस संबंध में जांच की थी। बाद में टीम वापस आई और जूनियर इंजीनियर के घर को सील किया। इससे पहले CBI ने सबूतों को सुरक्षित करने के लिए बहानगा रेलवे बाजार स्टेशन पर रीले रूम, पैनल और दूसरे उपकरणों को सील किया था। टीम ने कई सारे अधिकारियों से पूछताछ भी की थी।
ट्रेन संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक सिग्नल जूनियर इंजीनियर का रोल काफी जरूरी होता है. वो ही सिग्नल, ट्रैक सर्किट, पॉइंट मशीन और इंटरलॉकिंग सिस्टम समेत सिग्नलिंग उपकरण को इंस्टॉल, मेनटेन और मरम्मत करने के काम में शामिल होता है। सिग्नल जूनियर इंजीनियर की भूमिका रेलवे के अंदर डिवीजन या जोन के आधार पर कुछ अलग भी हो सकती है।
मृतकों की संख्या बढ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक, बालासोर ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 18 जून को बढ़कर 292 हो गई। पश्चिम बंगाल के एक 24 साल के यात्री की कटक के एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई।
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