जयपुर (राजस्थान) :- अजमेर में लगातार बारिश के कारण जेएलएन सरकारी अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हुईं। अस्पताल के एक वार्ड में बारिश का पानी घुस गया। इसके बाद आर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती मरीजों को दूसरे वार्डों में किया गया।
भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई
कुछ दिनों से राज्य के चार और जालोर, सिरोही, बाड़मेर और पाली में अत्यधिक भारी श्रेणी की बारिश दर्ज की गई है। जिसके कारण कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। पानी के कारण कई गांवों का संपर्क कट गया।मौसम विभाग ने सोमवार को टोंक, बूंदी, सवाई माधोपुर जिलों में अत्यधिक वर्षा हुई तथा जयपुर, पाली, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
बारिश का पानी गलियारों और वार्ड में घुस गया
अजमेर के जेएलएन अस्पताल में रविवार दोपहर बारिश का पानी घुस गया, जिससे अस्पताल के कर्मचारियों को काम करने में परेशानी हुई। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नीरज ने बताया ‘‘ आर्थोपेडिक वार्ड में पानी घुस गया जहां 18 मरीज भर्ती थे। इन मरीजों को दूसरे वार्ड में स्थानांतरित किया गया। बारिश का पानी गलियारों और वार्ड में घुस गया।
सबसे अधिक प्रभावित जिले जालौर, सिरोही, बाड़मेर पाली, है
राज्य में चक्रवात बिपारजॉय के कारण हाल ही में हुई बारिश से सबसे अधिक प्रभावित जिले जालौर, सिरोही, बाड़मेर, पाली हैं जहां बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। कुछ निचले इलाकों में पानी घरों में घुस गया।
बाढ़ से प्रभावित बस्ती में फंसे 39 नागरिकों को टीम ने सुरक्षित निकाला
जालौर जिले के भीनमाल कस्बे की बाढ़ प्रभावित ओड बस्ती में फंसे 39 नागरिकों को रविवार को राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) की टीम ने वहां से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि चक्रवात राजस्थान में ‘दबाव’ के रूप में था और यह कमजोर होकर ‘निम्न दबाव’ के क्षेत्र में तब्दील हो रहा है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि बुधवार तक इस प्रणाली का असर खत्म हो जाएगा।भारी बारिश में ही ऐसा होता है। वार्ड से पानी तो निकाल दिया गया है लेकिन इसके मरीजों का अभी दूसरे वार्डों में इलाज चल रहा है।