नई दिल्ली:- भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया सहित प्रदर्शन करने वाले सभी पहलवानों को गुरुवार को तगड़ा झटका लगा है। पहलवानों ने बृजभूषण पर केस दर्ज करने और गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर मंतर पर धरना भी दिया।
कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मामला भी दर्ज किया, मगर अब बृजभूषण को दिल्ली पुलिस ने क्लीन चिट दे दी है। पुलिस ने करीब 1200 पेज की चार्जशीट भी दाखिल की। जिसमें उसने कहा कि पहलवान उन्हें पर्याप्त सबूत नहीं दे पाए। दिल्ली पुलिस की इस चार्जशीट से उन पहलवानों को जबदरस्त झटका लगा है, जो सबकुछ छोड़कर इस प्रदर्शन का हिस्सा बने हुए थे।
प्रदर्शन का बन चुके थे चेहरा
पहलवान अपनी तैयारी तक छोड़कर जंतर-मंतर पर बैठे हुए थे, मगर दिल्ली पुलिस की क्लीन चिट ने उनके प्रदर्शन की जड़ें हिला दी है। इस मामले में बृजभूषण को लेकर कोर्ट में सुनवाई के बाद आगे क्या फैसला लिया जाता है, ये तो कुछ दिन में क्लीयर हो जाएगा, मगर अब सबसे सवाल ये है कि ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और स्टार पहलवान विनेश फोगाट का अब आगे क्या होगा, जो इस प्रदर्शन का चेहरा बन चुके थे।
सवालों का उठा बवंडर
क्या वो फिर से देश का झंडा बुलंद कर पाएंगे? उन्होंने खून पसीना एक करके जो साख बनाई थी, जिसके दम पर उन्हें थोड़ी बहुत छूट भी मिल जाती थी, क्या वो अब उन्हें मिल पाएगा? क्या वो अपने पहलवानी के करियर में फिर से उस मुकाम को हासिल कर पाएंगे, जहां वो पहले पहुंचे थे? जो ख्वाब अधूरे रह गए थे, क्या तीनों पहलवान अब उसे पूरा कर पाएंगे? ऐसे कई सवाल फैंस के दिमाग में चलने शुरू हो गए है।
क्या फिर कभी दिखेंगे पुराने वाले स्टार
जब तीनों पहलवान इस प्रदर्शन से बाहर निकलकर मैट पर दो-दो हाथ करने उतरेंगे तो विनेश, बजरंग, साक्षी मलिक कौनसे वाले होंगे। जंतर-मंतर पर धरना देने वाले, पुलिस से भिड़ने वाले या फिर इस बवाल से पहले वाले। ऐसा नहीं है कि इस प्रदर्शन से सिर्फ बृजभूषण को नुकसान हुआ है, बल्कि भारत के इन तीनों पहलवानों का भी काफी नुकसान होता हुआ दिख रहा है।
मुश्किल होने वाला आगे का सफर
पूरे मामले में एक पेंच और है। इस बात से भी कोई इंकार नहीं कर सकता है कि इन तीनों ही पहलवानों का करियर भी अब ढलान की तरफ है। इन सभी की उम्र 28 से 30 के करीब है. इस पूरे विवाद का असर ये पड़ेगा कि पहले अगर इन तीनों को इनके अनुभव, रिकॉर्ड्स और साख से थोड़ी बहुत छूट मिल भी जाती थी, लेकिन अब इन्हें तय नियम में छटांक भर भी रिआयत नहीं मिलने वाली। कुल मिलाकर अब आगे का रास्ता इन तीनों ही पहलवानों के लिए बहुत मुश्किल भरा होने वाला है।
नियमों को ना मानने के लिए विरोध!
मामला बहुत जटिल है। जटिल इसलिए, क्योंकि साक्षी, विनेश और बजरंग इस आंदोलन का चेहरा थे। जिन पहलवानों ने शोषण का आरोप लगाया था उन्हें कम ही लोग जानते हैं, लेकिन जब इतने बड़े स्टार पहलवानों ने विरोध प्रदर्शन किया तो विवाद जंगल की आग की तरह फैला। बृजभूषण का काउंटर आरोप भी यही था कि बड़े पहलवान अपनी मनमानी कर रहे हैं और तय नियमों को ना मानने के लिए उनका विरोध कर रहे हैं।
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