नई दिल्ली :- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दावा किया है कि अमरावती के फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की कथित तौर पर हत्या करने वाले लोग कट्टरपंथी थे और तब्लीगी जमात के सदस्य थे।
जिन्हें सामाजिक कार्यकर्ता इरफान खान और मौलवी मुशफिक अहमद ने उमेश कोल्हे की हत्या के लिए उकसाया था। भाजपा की पूर्व नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले अमरावती के फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की 21 जून 2022 की रात हत्या कर दी गई थी।
अमरावती में मेडिकल स्टोर चलाने वाले उमेश कोल्हे 21 जून की रात अपने स्कूटर से घर जा रहे थे, तभी बाइक सवार तीन युवकों ने उन्हें टक्कर मार दी और उनकी हत्या कर दी। उमेश कोल्हे की बहू और उसका बेटा दूसरी गाड़ी में उसके साथ चल रहे थे लेकिन वे उसे बचा नहीं सके।
NIA ने 11 आरोपियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट
एनआईए के अनुसार, फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के लिए तब्लीगी जमात के कट्टरपंथी सदस्यों की दूसरी कोशिश थी। उससे पहले भी तब्लीगी जमात के कट्टरपंथी सदस्यों ने उमेश कोल्हे की हत्या का प्रयास किया था। एनआईए ने 11 आरोपियों के खिलाफ शुक्रवार को दायर अपनी चार्जशीट में दावा किया है कि “तब्लीगी जमात के कट्टरपंथी इस्लामवादी ने उमेश कोल्हे की हत्या की।”
कैसे शुरू हुई उमेश कोल्हे की हत्या की साजिश?
एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक उमेश कोल्हे को खत्म करने की साजिश एक आरोपी यूसुफ खान के साथ शुरू हुई थी। यूसुफ खान (पशु चिकित्सक) को सबसे पहले यह सूचना मिली की 14 जून को उमेश कोल्हे ने ब्लैक फ्रीडम नामक एक ग्रुप पर पोस्ट किया था।
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