नई दिल्ली:- पिछले कुछ दिनों से जापान-नेपाल और भारत समेत आस-पास के क्षेत्रों में भूकंप घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। सोमवार को फिर से जापान में भूकंप की वजह से धरती हिली।
स्थानीय लोगों में इससे डर का माहौल है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मैग्नीट्यूड मापी गई है। यह भूकंप साउथईस्ट ऑफ टोबा के 84 किलोमीटर साउथ में आया है। भूकंप दोपहर करीब 1 बजकर 38 मिटन पर आया था। इस बात की पुथ्टि यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे ने की है।
इससे पहले नेपाल में शनिवार को 5.4 तीव्रता का भूकंप आने के कारण इसके झटके दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से लेकर उत्तराखंड तक महसूस किए गये। यह भूकंप उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से 101 किलोमीटर पूर्व -दक्षिण-पूर्व में में आया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं शोध केंद्र के मुताबिक, भूकंप 29.28 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 81.20 डिग्री पूर्वी देशांतर में बझांग जिले के पतादेबल में 10 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था। यह नेपाल में एक सप्ताह में तीसरा भूकंप है, लेकिन इससे किसी तरह के जानमाल के नुकसान की अभी कोई सूचना नहीं है।
काठमांडू से 460 किलोमीटर पश्चिम में स्थित बझांग जिले में शाम 7 बजकर 57 मिनट पर आया, जिसके कारण लोग डरकर अपने-अपने घरों से बाहर निकल गए। भूकंप के झटके हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बिजनौर, मुजफ्फरनगर और शामली समेत अन्य जिलों में महसूस किए गए। नोएडा निवासी कमल तिवारी ने कहा कि उन्हें भूकंप के झटके करीब 10 सेकंड तक महसूस हुए। उन्होंने कहा कि ये झटके बुधवार को आए भूकंप के झटके जितने तगड़े नहीं थे, लेकिन इसने उन लोगों को डरा दिया।
इसी तरह राजीव चोपड़ा घर पहुंचे ही थे कि उन्हें झटके महसूस हुए। गाजियाबाद निवासी राजीव ने कहा, मैं कमरे में बैठा था और देखा कि अचानक पंखे और झूमर हिलने लगे। बहुत से लोगों ने अपने-अपने अनुभव ट्विटर पर साझा करते हुए आनन-फानन में घरों से बाहर एकत्र हुए लोगों की तस्वीर साझा की है।
इसके पहले 3.4 तीव्रता का भूकंप उत्तराखंड में शनिवार शाम 4 बजकर 15 मिनट पर आया था जिसका अधिकेंद्र पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र में था। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड-नेपाल सीमा से सटे हिमालयी क्षेत्र में आठ से 12 नवंबर के बीच अलग-अलग तीव्रता के कम से कम आठ भूकंप आए हैं। पिथौरागढ़ आपदा प्रबंधन अधिकारी बीएस महार ने पीटीआई-भाषा से कहा कि भूकंप का अधिकेंद्र नेपाल के सिलांग कस्बे से तीन किलोमीटर दूर था, लेकिन इसके झटके भारत, चीन और नेपाल में महसूस किए गए।