फ्रांस :- फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने बुकर पुरस्कार विजेता रहे लेखक सलमान रुश्दी पर चाकू से हुए हमले को कायराना बताते हुए इसकी निंदा की है और कहा है कि वह इस लड़ाई में रुश्दी के साथ हैं।
मैक्रों ने ट्वीट में लिखा है, “33 सालों से सलमान रुश्दी ने आज़ादी के लिए आवाज़ बुलंद की है और रुढ़िवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी है। वो नफ़रत और बर्बरता को बढ़ावा देने वालों के कायरतापूर्ण हमले का शिकार हुए हैं। उनकी लड़ाई हमारी लड़ाई है। ये सार्वभौमिक है। अब हम पहले से भी अधिक मज़बूती के साथ उनके साथ खड़े हैं।”
ब्रिटिश लेखक सलमान रुश्दी पर अमेरिका के न्यूयॉर्क में उस समय चाकू से हमला हुआ जब वो एक संस्थान के कार्यक्रम में बोल रहे थे। हमले के बाद से उनकी हालत नाज़ुक बनी हुई है।
रुश्दी के एजेंट ने जानकारी दी है कि लेखक फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं और बोल नहीं पा रहे। एजेंट एंड्रयू वाइली के अनुसार, रुश्दी हमले की वजह से अपनी आंखे गंवा सकते हैं।
हमले के बाद पुलिस ने न्यूजर्सी के फ़ेयरव्यू से 24 वर्षीय हादी मतर नाम के एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है।
रुश्दी पर हमले के बाद चर्चित तस्लीमा नसरीन ने की टिप्पणी:
लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमले के बाद बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने टिप्पणी की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि ‘अगर उन पर हमला किया जा सकता है, तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है।’
उन्होंने ट्वीट में लिखा, “मुझे पता चला कि सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हमला हुआ है। मैं सचमुच स्तब्ध हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा भी होगा। वो पश्चिम में रह रहे थे और 1989 से उनको सुरक्षा मिली हुई थी। अगर उन पर हमला हो सकता है तो इस्लाम की आलोचना करने वाले किसी भी व्यक्ति पर हमला किया जा सकता है। मैं चिंतित हूं।”
तस्लीमा नसरीन को भी अपनी किताब के कारण 1994 में बांग्लादेश से भागना पड़ा था और फिर उन्होंने बाद में भारत में शरण ली।