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राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान पर महाराष्ट्र में बवाल, उद्धव बोले- हिंदुओं को बांटने की कोशिश 

मुम्बई :- महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के एक बयान के बाद महाराष्ट्र में विवाद खड़ा हो गया है। अब राज्यपाल के बयान का शिवसेना, एनसीपी और एमएनएस ने कड़ा विरोध किया है और राज्यपाल से माफ़ी की मांग की है।

 

बता दें कि राज्यपाल कोश्यारी शुक्रवार को मुंबई में अंधेरी वेस्ट दाउद बाग जंक्शन पर चौक के नामकरण समारोह में शामिल हुए थे। इस चौक का नाम दिवंगत चंपालालजी कोठारी के नाम पर रखा गया है। वहां समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा था कि अगर महाराष्ट्र से गुजरातियों और राजस्थानियों को हटा दिया जाता है, तो महाराष्ट्र के पास कोई पैसा नहीं बचेगा और मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी नहीं कहा जाएगा।

 

शिवसेना का पलटवार-

वहीं राज्यपाल के इस बयान पर अब शिवसेना समेत अनेक पार्टियों ने कड़ा विरोध किया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी ने भले ही महाराष्ट्र की संस्कृति देखी हो, लेकिन उन्हें कोल्हापुरी जोड़ा भी दिखाना होगा। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि राज्यपाल कोश्यारी ने मराठी लोगों का अपमान किया है, इसके साथ ही उन्होंने हिंदुओं को बांटने की भी कोशिश की है।

 

ठाकरे ने आरोप लगाया कि कोश्यारी ने मराठी लोगों का अपमान किया है और उन्होंने यह बयान जानबूझकर दिया था। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि राज्यपाल ने हद पार कर दी है। उन्हें उस कुर्सी का सम्मान करना चाहिए, जिस पर वह आसीन हैं। राज्यपाल ने जिस तरह का बयान दिया है, उसके बाद तो यह तय किया जाना चाहिए कि उन्हें यहां से वापस भेजना है या जेल भेजना है। राज्यपाल कोश्यारी को मराठी लोगों से माफी मांगनी होगी।

 

सीएम एकनाथ शिंदे का बयान-

वहीं कोश्यारी के बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वो राज्यपाल के बयान से सहमत नहीं हैं। मराठी लोगों के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। मुंबई देश की आर्थिक राजधानी सिर्फ़ मराठियों की मेहनत की वजह से बनी है।

 

राज ठाकरे का हमला-

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान का विरोध किया है। राज ठाकरे ने कहा कि मराठी लोगों को मूर्ख मत बनाओ। यदि आप महाराष्ट्र के इतिहास के बारे में कुछ नहीं जानते हैं, तो इसके बारे में बात न करें। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पद बहुत सम्मानित पद है, इसलिए लोग इसके खिलाफ कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन आपके बयान से महाराष्ट्र की जनता आहत हुई है।

 

कांग्रेस ने भी उठाए सवाल-

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी महाराष्ट्र के राज्यपाल पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि इनका नाम ‘कोश्यारी’ है। लेकिन एक गवर्नर के तौर पर जो बोलते हैं और करते हैं उसमें थोड़ी भी ‘होशियारी’ नहीं होती। ये कुर्सी पर सिर्फ इसलिए बैठे हैं क्योंकि ‘हम दो’ के आदेश का निष्ठा पूर्वक पालन करते हैं।

 

राज्यपाल कोश्यारी ने दी सफाई

वहीं अब अपने बयान राज्यपाल कोश्यारी ने सफाई देते हुए कहा है कि मुंबई महाराष्ट्र की शान है। यह देश की आर्थिक राजधानी भी है। मुझे गर्व है कि मुझे एक राज्यपाल के रूप में छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमि और मराठी लोगों की सेवा करने का अवसर मिला। इस वजह से मैंने बहुत कम समय में मराठी भाषा सीखने की कोशिश की। कल राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया, उसमें मेरा मराठी आदमी को कम करके आंकने का कोई इरादा नहीं था। मैंने केवल गुजराती और राजस्थानी मंडलों द्वारा व्यापार में किए गए योगदान पर बात की।

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