नई दिल्ली :- विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को लेकर एक बेहद ही राहत भरी खबर सामने आई है। ऐसे भारतीय छात्र जो अपने स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे और कोरोना महामारी या रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत लौट आए।
ऐसे भारतीय छात्र जो अपने स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे और कोरोना महामारी या रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण भारत लौट आए। उन्हें विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा/एफएमजीई में बैठने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन उनके पास अपना कोर्स पूरा होने का सर्टिफिकेट होना जरूरी है।
केंद्र सरकार की ओर से जारी किए आदेश में कहा है किसुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 अप्रैल को पारित आदेश के अनुसार यह सूचित किया जाता है कि भारतीय छात्र जो अपने स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे और कोविड-19 या रूस-यूक्रेन युद्ध आदि के कारण अपने विदेशी चिकित्सा संस्थान को छोड़कर भारत लौट आए और बाद में अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है। उन्हें भारत में प्रैक्टिस के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।