यूक्रेन :- रूस सिर्फ यूक्रेन से नहीं लड़ रहा वो लड़ता रहा तो करीब 30-32 देशों से वो भी अकेला। दरअसल, पूरा पश्चिमी देश इस वक्त यूक्रेन के साथ है और इस जंग में यूक्रेन को हर एक चीज से मदद की जा रही है। पश्चिमी देशों के दिए गए हथियार के चलते रूस को नुकसान पहुंच रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पश्चिम और नाटो को कई बार चेतावनी दे चुके हैं कि, वो युद्ध से दूर रहे वरना अंजाम उन्हें भी भुगतना होगा। यह बात जेलेंस्की को भी पता है कि, रूस के आगे वो नहीं टिक पाते अगर पश्चिमी देश नहीं होते। इस जंग ने यूक्रेन में भारी तबाही मचाई है। आलम यह है कि अब हर एक जरूरत की चीजों की शॉर्टेज होने लगी है। इस बीच राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से नाकाबंदी हटाने के लिए कहा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी नाकाबंदी के कारण लाखों लोग भूखे मर सकते हैं। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन के काला सागर पोर्ट पर रूसी नाकाबंदी के कारण लोगों की भूख से मौत हो सकती है। उन्होंने बताया है कि दुनिया भयंकर खाद्य संकट के कगार पर है क्योंकि यूक्रेन बड़ी मात्रा में गेहूं, मक्का, तेल और अन्य उत्पादों का निर्यात करने में असमर्थ रहा है जिसने ग्लोबल मार्केट में स्थिर भूमिका निभाई थी।
जेलेंस्की ने बताया है कि दुर्भाग्य से दुनिया भर के दर्जनों देशों में उत्पादों की कमी हो सकती है। यदि काला सागर पर व्लादिमीर पुतिन सरकार की नाकाबंदी जारी रहती है तो लाखों लोग भूखे मर सकते हैं। रूस ने करीब 15 सप्ताह के युद्ध में यूक्रेन के तट के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है और उसके युद्धपोत ब्लैक एंड अज़ोव सीज़ को नियंत्रित कर रहे है। जिसके चलते यूक्रेन का कृषि निर्यात अटका हुआ है जिससे अनाज की लागत बढ़ती जा रही है। रूस का कहना है कि समुद्र में रखी गई यूक्रेन की खदानें और मॉस्को पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध इसके लिए जिम्मेदार हैं।
पश्चिमी देशों के घमंड में चूर जेलेंस्की को ये बात अब याद आ रही है। जेलेंस्की एक ओर तो रूस से इस जंग को रोकने की बात करते हैं लेकिन, परदे के पीछे से वो अमेरिका और नाटो से हाथ मिलकार रूस के खिलाफ रणनीति बनाते हैं।