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जमुआ में कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का हुआ आयोजन

मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश):-जमुआ में श्री गीता सेवा धाम जमुआ बाजार की ओर से मंगल कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा समारोह के पहले दिन यज्ञ आचार्य पंडित अखिलेश पांडे के सानिध्य में विधि विधान के साथ विधिवत पूजन किया गया। तत्पश्चात कथा स्थल से भव्य मंगल कलश यात्रा निकाली गई जिसमें शामिल पीतांबर धारी महिलाएं व कन्याएं मंगल कलश सिर पर धारण कर प्रभु का गुणगान करते हुए चल रही थीं।

शोभा यात्रा का शुभारंभ कथा स्थल से होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए जमुआ बाजार से नारायणपुर से दुर्गा जी के मंदिर से होते हुए कथा स्थल पर आकर संपन्न हुई। वृंदावन से पधारे आचार्य पंडित अखिलेश पांडेय महाराज ने श्रीमद् भागवत महापुराण की विधिवत पूजन कर मंत्रोच्चारण के साथ शोभायात्रा के रथ पर सवार होकर मंगल कलश यात्रा में सम्मिलित हुए।

सोमवार को बैंड बाजा के साथ निकाली गई। कलश यात्रा में श्री गीता सेवा धाम के सदस्य व भक्तजन भजन कीर्तन नाचते गाते चल रहे थे। इस मंगल कलश यात्रा में गंगा -जमुनी तहजीब का भी मिश्रण मिला रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं सहित मुस्लिम समुदाय के लोग भी ने कलश यात्रा पर फूलों की भी वर्षा की और अत्यधिक तेज धूप के कारण जहां सड़कें महिलाओं को पैरों को चुभ रही थीं। क्षेत्रवासियों ने सड़कों को शीतल रखने के लिए पानी का छिड़काव किया।

दोपहर की चिलचिलाती धूप में महिला सहित कन्याओं ने कलश को अपने सर पर रख कर 4 किलोमीटर की यात्रा को बड़े ही भक्ति में ढंग से पूर्ण कर कथा स्थल तक पहुंचीं। जिसके पश्चात सभी ने पूजा कलश को कथा स्थल के मंच पर रख कर विधिवत पूजन पाठ कर अपने इष्ट देवता की आराधना में समर्पित रह कर प्रसाद को ग्रहण किया। कथा वाचिका साध्वी ऋचा मिश्रा ने कहा कि श्रीमद् भागवत के अनुसरण से भक्तों का कल्याण होता है और जीवन में सुख व शांति का अनुभव होता है।

श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने का अवसर बढ़े ही सौभाग्य से प्राप्त होता है जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन होता है वह तीर्थस्थल कहलाता है।

मंगल कलश यात्रा में यजमान महेश केसरी,अनिल मोदनवाल,प्रमोद केसरी,लखनलाल सहित रुकमणी,दीपमाला जयसवाल, बेबी केसरी,खुशबू केसरी,रंजीता देवी,पुष्पा केसरी,चंदा ,सिम्मी मोदनवाल, उर्मिलादेवी,ममता गुप्ता,दिव्या गुप्ता, सोना केसरी इत्यादि सैकड़ों महिलाएं व पुरुष ने कथा का श्रवण किया।

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