इस्लामाबाद (पाकिस्तान):- पाकिस्तान के मशहूर चाइल्ड आर्टिस्ट अहमद शाह के छोटे भाई उमर की अचानक कार्डियक अरेस्ट से मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर क्यों दिल से जुड़ी बीमारियां अब बच्चों और युवाओं तक पहुंच रही हैं। कभी हार्ट अटैक को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था लेकिन बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों ने हालात पूरी तरह बदल दिए हैं।
आज के समय में बच्चों की दिनचर्या में शारीरिक गतिविधि लगभग खत्म हो चुकी है। मोबाइल और गैजेट्स की लत ने खेलकूद और आउटडोर एक्टिविटीज की जगह ले ली है। इसके साथ ही जंक फूड और हाई कैलोरी डाइट शरीर में फैट और कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा रही है जो दिल की सेहत के लिए खतरनाक है। यही नहीं तनाव भी अब केवल बड़ों तक सीमित नहीं है बल्कि पढ़ाई और प्रतिस्पर्धा का दबाव छोटे बच्चों को भी प्रभावित कर रहा है।
डॉक्टरों का कहना है कि कार्डियक अरेस्ट के मामलों में सबसे बड़ी समस्या यह है कि शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से नहीं लिया जाता। सांस फूलना छाती में हल्का दर्द बार बार थकान महसूस होना यह सब संकेत हो सकते हैं जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। समय पर जांच और इलाज न मिलने पर नतीजा घातक साबित हो सकता है।
यह घटना हमें चेतावनी देती है कि बच्चों की सेहत के प्रति सजग होना अब बेहद जरूरी है। परिवार को चाहिए कि वे बच्चों की डाइट संतुलित रखें उन्हें नियमित व्यायाम और खेलकूद के लिए प्रोत्साहित करें और किसी भी असामान्य लक्षण को अनदेखा न करें। दिल की बीमारियों को रोकना संभव है बशर्ते जीवनशैली में समय रहते सुधार किया जाए।
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