इजराइल :- मध्य पूर्व एक बार फिर गंभीर संकट की ओर बढ़ रहा है क्योंकि इजराइल ने कतर समेत छह देशों पर हमला किया है। इस घटनाक्रम के बाद मुस्लिम देशों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है और कई राष्ट्रों ने मिलकर आपात बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। इस बैठक का उद्देश्य साझा रणनीति तैयार करना और इजराइल के खिलाफ सामूहिक कदम उठाने पर विचार करना है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। कई मुस्लिम राष्ट्र यह सोच रहे हैं कि क्या अब समय आ गया है जब एक तरह का इस्लामिक नाटो गठित किया जाए जिससे सामूहिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। अगर ऐसा हुआ तो यह न केवल इजराइल बल्कि वैश्विक राजनीति के लिए भी एक बड़ा बदलाव साबित होगा।
हमले के बाद खाड़ी देशों में भय और अनिश्चितता का माहौल है। तेल और गैस सप्लाई पर भी इसका असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है जिससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र और बड़े देशों की नजर इस पूरे घटनाक्रम पर है क्योंकि अगर हालात काबू से बाहर हुए तो यह टकराव बड़े युद्ध का रूप ले सकता है।
फिलहाल सभी मुस्लिम देशों का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि वे किस प्रकार मिलकर इजराइल पर दबाव बना सकते हैं। आने वाली आपात बैठक से यह स्पष्ट होगा कि क्या वास्तव में एक संयुक्त सैन्य गठबंधन का गठन किया जाएगा या फिर कूटनीति और बातचीत से समाधान खोजने की कोशिश की जाएगी। यह स्थिति आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को गहराई से प्रभावित कर सकती है।
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