नई दिल्ली:- जी7 देशों ने रूस पर लगाए गए निर्यात नियंत्रण और प्रतिबंधों के उल्लंघन को रोकने के लिए संयुक्त मार्गदर्शन जारी किया है। यह मार्गदर्शन उद्योगों को रूस को संवेदनशील वस्तुओं की आपूर्ति को रोकने और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
क्या है मामला?
जी7 देशों ने रूस पर यूक्रेन के हमले के बाद से ही निर्यात नियंत्रण और प्रतिबंध लगाए हैं। अब उन्होंने उद्योगों के लिए एक संयुक्त मार्गदर्शन जारी किया है जिसमें उन वस्तुओं की पहचान की गई है जो रूस के लिए उच्च जोखिम वाली हैं और संदिग्ध गतिविधियों के संकेतक हैं।
उद्योगों के लिए मार्गदर्शन
जी7 के संयुक्त मार्गदर्शन में उद्योगों के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं:
– उच्च जोखिम वाली वस्तुओं की पहचान: जी7 देशों ने 50 वस्तुओं की एक सूची बनाई है जो रूस के लिए उच्च जोखिम वाली हैं जिनमें इलेक्ट्रॉनिक एकीकृत सर्किट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं।
– संदिग्ध गतिविधियों के संकेतक: मार्गदर्शन में संदिग्ध गतिविधियों के कई संकेतक शामिल हैं जैसे कि अचानक व्यवसायिक गतिविधि में बदलाव, झूठे या गलत दस्तावेज़, और लेनदेन में असामान्यताएं।
– जोखिम को कम करने के लिए सर्वोत्तम अभ्यास: उद्योगों को जोखिम को कम करने के लिए कई सर्वोत्तम अभ्यास सुझाए गए हैं जैसे कि ग्राहकों की जांच करना, लेनदेन की निगरानी करना, और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करना।
जी7 की चिंता
जी7 देशों की चिंता है कि रूस अपनी सैन्य गतिविधियों के लिए पश्चिमी देशों से प्राप्त वस्तुओं का उपयोग कर रहा है। इसलिए वे उद्योगों को रूस को वस्तुओं की आपूर्ति को रोकने और संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने में मदद करना चाहते हैं।
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