नई दिल्ली :- नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जीवन एक साधारण परिवार से शुरू होकर असाधारण ऊंचाइयों तक पहुंचने की गाथा है। उनका जन्म गुजरात के वडनगर में हुआ और बचपन आर्थिक तंगी में बीता। बचपन से ही उन्होंने कठिन परिस्थितियों का सामना किया। पिता के साथ रेलवे स्टेशन पर चाय बेचना हो या परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए छोटे मोटे काम करना हो हर अनुभव ने उन्हें मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया।
युवा अवस्था में मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़कर संगठनात्मक कार्यों में भाग लिया। अनुशासन और देशभक्ति की भावना ने उनके व्यक्तित्व को दिशा दी। उन्होंने जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाई। संगठन की जड़ों तक पहुंचने और कार्यकर्ताओं से सीधा जुड़ाव रखने की उनकी शैली ने उन्हें तेजी से आगे बढ़ने में मदद की।
गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने विकास के कई मॉडल पेश किए। बिजली सड़क शिक्षा और उद्योग क्षेत्रों में सुधार के साथ गुजरात को निवेश का प्रमुख केंद्र बनाया। उनकी कार्यशैली और निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में अलग पहचान दिलाई।
साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और एक नए युग की शुरुआत हुई। सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का मंत्र लेकर उन्होंने देश को नई दिशा दी। उनकी विदेश यात्राओं और वैश्विक मंचों पर प्रभावशाली भाषणों ने भारत की छवि को और सशक्त किया।
नरेंद्र मोदी का सफर इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ निश्चय कठिन परिश्रम और सकारात्मक सोच से कोई भी व्यक्ति अपनी सीमाओं को तोड़कर महान ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है। उनका जीवन आज भी करोड़ों युवाओं को प्रेरणा देता है और आगे भी देता रहेगा।
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