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पंजाब के मुक्तसर साहिब में पटाखा फैक्ट्री में भयानक हादसा: पांच की मौत, 27 घायल

पंजाब :- पंजाब के मुक्तसर साहिब जिले में एक पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। यह दर्दनाक हादसा बीती रात तब हुआ जब फैक्ट्री में सामान्य रूप से काम चल रहा था। अचानक हुए विस्फोट से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस हादसे में अब तक पांच लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 27 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट इतना तीव्र था कि आसपास के घरों की खिड़कियों के शीशे तक चकनाचूर हो गए। फैक्ट्री की इमारत की दो मंजिलें पूरी तरह से धराशायी हो गईं। मलबे में कई मजदूर दब गए, जिन्हें स्थानीय लोगों और बचाव दल ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। घायलों को तुरंत बठिंडा स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

स्थानीय प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। एनडीआरएफ की टीम को भी मौके पर बुलाया गया ताकि मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। इलाके को सील कर दिया गया है और सुरक्षा के लिहाज से आसपास के क्षेत्र को खाली करा लिया गया है।

हादसे के बाद क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। मृतकों के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस त्रासदी ने फिर से पटाखा फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों और नियमों की अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि फैक्ट्री में सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया जा रहा था। अधिक मात्रा में बारूद और अन्य ज्वलनशील पदार्थों को असुरक्षित तरीके से रखा गया था, जिससे धमाका हुआ।

पुलिस और फोरेंसिक टीम ने जांच शुरू कर दी है। फैक्ट्री मालिक से पूछताछ की जा रही है और उसके खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है। प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

मुख्यमंत्री ने इस घटना पर शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसी फैक्ट्रियों की तत्काल जांच की जाए और जिनमें सुरक्षा मानकों की कमी हो, उन्हें बंद किया जाए।

यह हादसा एक चेतावनी है कि लापरवाही कितनी भारी पड़ सकती है। समय आ गया है कि ऐसे संवेदनशील उद्योगों में सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जाए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोका जा सके।

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