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तेज प्रताप यादव अब बना सकते हैं अपनी नई पार्टी, DSS या CJP होगा नाम

बिहार :- बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचने वाली है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक नई राजनीतिक दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। खबरों के अनुसार, तेज प्रताप जल्द ही अपनी खुद की पार्टी की घोषणा कर सकते हैं, जिसका नाम DSS (धर्मनिरपेक्ष समाज समाज पार्टी) या CJP (चंद्रिका justice पार्टी) हो सकता है। यह कदम राज्य की सियासी सरगर्मियों को और तीखा बना सकता है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों से पहले।

तेज प्रताप यादव का राजनीतिक सफर हमेशा से ही विवादों और चर्चाओं से भरा रहा है। एक ओर जहां उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव को लालू यादव की राजनीतिक विरासत का उत्तराधिकारी माना जाता है, वहीं तेज प्रताप अक्सर पार्टी लाइन से अलग जाकर अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने की कोशिश करते दिखे हैं। अब अगर वे वाकई एक नई पार्टी बनाते हैं, तो यह न केवल RJD के लिए एक बड़ा झटका होगा, बल्कि बिहार की राजनीति के समीकरण भी बदल सकते हैं।

सूत्रों की मानें तो तेज प्रताप की इस नई पार्टी का फोकस युवाओं, किसानों और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर आधारित होगा। DSS और CJP—दोनों ही नामों से यह साफ झलकता है कि वे एक वैकल्पिक विचारधारा को सामने लाना चाहते हैं जो पारंपरिक जातीय राजनीति से हटकर विकास और सामाजिक न्याय पर केंद्रित हो। तेज प्रताप ने पहले भी कई बार धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को उठाया है, और खुद को “शिवभक्त” के रूप में प्रस्तुत किया है। यही वजह है कि उनकी पार्टी का नाम और दिशा दोनों धार्मिक प्रतीकों और न्याय के विचारों से प्रेरित हो सकते हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तेज प्रताप का यह कदम सिर्फ व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा का परिणाम नहीं है, बल्कि यह RJD के अंदर चल रही खींचतान और उन्हें दरकिनार किए जाने की प्रतिक्रिया भी हो सकता है। तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता और पार्टी में उनकी मजबूत पकड़ ने तेज प्रताप को हाशिये पर धकेल दिया है। अब वे अपनी खुद की पार्टी बनाकर न केवल अपनी राजनीतिक पहचान मजबूत करना चाहते हैं, बल्कि बिहार की सत्ता में एक नया विकल्प भी प्रस्तुत करना चाहते हैं।

हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि तेज प्रताप की यह नई पार्टी जनता के बीच कितनी लोकप्रियता हासिल कर पाती है। क्या वे अपने पिता की राजनीतिक विरासत को एक अलग मोड़ दे पाएंगे, या फिर यह एक असफल प्रयोग बनकर रह जाएगा—यह तो समय ही बताएगा।

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