जालंधर :- पंजाब के औद्योगिक शहर जालंधर में सोमवार की सुबह एक भयावह आग ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। शहर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित दो फैक्ट्रियों—एक टायर निर्माण और दूसरी फुटवियर निर्माण इकाई—में भीषण आग लग गई, जिससे करोड़ों की संपत्ति का नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है।
सबसे पहले आग लगने की सूचना सुबह करीब 5:30 बजे आशा रबर फैक्ट्री से मिली, जहां कर्मचारियों ने धुएं का घना गुबार उठते देखा। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और आसपास की इमारतों को भी अपनी चपेट में लेने की धमकी देने लगी। फैक्ट्री में भारी मात्रा में ज्वलनशील सामग्री होने के कारण आग तेजी से फैली और आसपास का वातावरण धुएं से भर गया।
मौके पर तुरंत फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियाँ पहुँचीं और आग बुझाने का अभियान शुरू किया गया। आग इतनी भयानक थी कि शहर के विभिन्न हिस्सों से दमकल वाहन बुलाने पड़े। फायर ब्रिगेड कर्मियों को आग पर काबू पाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि फैक्ट्री में मौजूद टायर और केमिकल्स ने आग की तीव्रता को और भी बढ़ा दिया था।
लगभग एक घंटे के भीतर ही दूसरी खबर भी सामने आई, जब एक फुटवियर निर्माण इकाई में भी आग लगने की सूचना मिली। यह फैक्ट्री उसी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित थी, जिससे दमकल विभाग के लिए एक और मोर्चा खुल गया। लगातार प्रयासों के बावजूद, आग पर पूरी तरह काबू पाने में कई घंटे लग गए।
फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन कई मजदूरों और कर्मचारियों को समय रहते सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए पानी के साथ-साथ फोम और केमिकल्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आग किस कारण से लगी। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार शॉर्ट सर्किट आग लगने की एक वजह हो सकती है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा मानकों की सख्त निगरानी की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह हादसा न केवल आर्थिक दृष्टि से बड़ा नुकसान है, बल्कि यह भी एक चेतावनी है कि औद्योगिक इकाइयों में अग्नि सुरक्षा के मानकों को नजरअंदाज करने की कीमत कितनी भारी हो सकती है।
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि सुरक्षा में थोड़ी सी भी चूक जानलेवा हो सकती है। ऐसे में ज़रूरी है कि फैक्ट्रियों में नियमित फायर सेफ्टी ऑडिट हो और आपातकालीन स्थितियों के लिए पूरी तैयारी रखी जाए।
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