नई दिल्ली:- भारत के इस्पात आयात में पिछले दशक में एकाग्रता बढ़ी है जो देश के इस्पात उद्योग के लिए चिंता का विषय है। इस्पात आयात में यह बढ़ती एकाग्रता चीन, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे देशों से आयात पर निर्भरता को दर्शाती है।
इस्पात आयात में वृद्धि
भारत के इस्पात आयात में पिछले दशक में वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 में भारत ने 8.32 मिलियन टन इस्पात आयात किया जो वर्ष 2022-23 में 7.49 मिलियन टन था इस्पात आयात में यह वृद्धि देश के इस्पात उद्योग के लिए चिंता का विषय है।
चीन, दक्षिण कोरिया और जापान से आयात
भारत का इस्पात आयात मुख्य रूप से चीन, दक्षिण कोरिया और जापान से होता है। वर्ष 2023-24 में इन तीनों देशों से आयात किया गया इस्पात की मात्रा 78.6% थी । चीन से आयात किया गया इस्पात 2.6 मिलियन टन था जबकि दक्षिण कोरिया से 2.1 मिलियन टन और जापान से 1.6 मिलियन टन था।
इस्पात उद्योग के लिए चिंता
भारत के इस्पात आयात में बढ़ती एकाग्रता देश के इस्पात उद्योग के लिए चिंता का विषय है। इस्पात आयात में यह वृद्धि देश के इस्पात उद्योग की वृद्धि को प्रभावित कर सकती है। इसके इस्पात आयात में यह बढ़ती एकाग्रता देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर सकती ह।
सरकार की पहल
भारत सरकार ने इस्पात आयात में वृद्धि को रोकने के लिए कई पहल की हैं। सरकार ने इस्पात आयात पर सुरक्षा शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया है जिससे देश के इस्पात उद्योग को बढ़ावा मिल सके। सरकार ने इस्पात उद्योग के लिए कई अन्य पहल भी की हैं कि इस्पात उद्योग के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करना और इस्पात उद्योग के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास करना।
भारत के इस्पात आयात में पिछले दशक में बढ़ी एकाग्रता देश के इस्पात उद्योग के लिए चिंता का विषय है। इस्पात आयात में यह वृद्धि देश के इस्पात उद्योग की वृद्धि को प्रभावित कर सकती है। सरकार ने इस्पात आयात में वृद्धि को रोकने के लिए कई पहल की हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।