मुंबई (महाराष्ट्र):- भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर दुव्वुरी सुब्बाराव ने कहा है कि मुफ्त उपहारों के लिए एक आचार संहिता अनिवार्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुफ्त उपहारों की संस्कृति के कारण राज्य सरकारें कर्ज में फंसती जा रही हैं और यह एक बड़ा चिंता का विषय है।सुब्बाराव ने कहा कि मुफ्त उपहारों की संस्कृति के कारण राज्य सरकारों के राजस्व में कमी आ रही है और वे कर्ज में फंसती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा चिंता का विषय है और इसके लिए एक आचार संहिता अनिवार्य होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुफ्त उपहारों की संस्कृति के कारण राज्य सरकारों के राजस्व में कमी आ रही है और वे कर्ज में फंसती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा चिंता का विषय है और इसके लिए एक आचार संहिता अनिवार्य होनी चाहिए। सुब्बाराव ने कहा कि मुफ्त उपहारों की संस्कृति के कारण राज्य सरकारों के राजस्व में कमी आ रही है और वे कर्ज में फंसती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा चिंता का विषय है और इसके लिए एक आचार संहिता अनिवार्य होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुफ्त उपहारों की संस्कृति के कारण राज्य सरकारों के राजस्व में कमी आ रही है और वे कर्ज में फंसती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा चिंता का विषय है और इसके लिए एक आचार संहिता अनिवार्य होनी चाहिए। सुब्बाराव ने कहा कि मुफ्त उपहारों की संस्कृति के कारण राज्य सरकारों के राजस्व में कमी आ रही है और वे कर्ज में फंसती जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा चिंता का विषय है और इसके लिए एक आचार संहिता अनिवार्य होनी चाहिए। इस प्रकार सुब्बाराव ने कहा कि मुफ्त उपहारों की संस्कृति के कारण राज्य सरकारों के राजस्व में कमी आ रही है और वे कर्ज में फंसती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा चिंता का विषय है और इसके लिए एक आचार संहिता अनिवार्य होनी चाहिए।